UP college controversy: देश की संसद में विपक्षी पार्टियों द्वारा वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक-2024 के खिलाफ किए जा रहे विरोध के बीच उत्तर प्रदेश से वक्फ बोर्ड का एक और दावा सामने आया है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 115 साल पुराने कॉलेज को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति बताते हुए नोटिस भेजा है। वैसे तो ये घटना 6 साल पहले की है, लेकिन अब ये एक मुद्दा बनकर फिर सामने है। इसी कड़ी में आज शुक्रवार को जूमे की नमाज को देखते हुए यूपी कॉलेज के कैंपस में सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किए गए। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यूपी कॉलेज के परिसर में स्थित मस्जिद में सकुशल जुम्मे की नमाज अदा की गई।


ये कोई विवाद नहीं, सिर्फ दिया जा रहा विवाद का रूप- मुन्नवर सेराज
सबसे पहले हमने नमाज अदा करने जा रहे नमाजी मुन्नवर सेराज से बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि वफ्फ़ बोर्ड द्वारा पूरी संपत्ति पर दावा नहीं किया गया है जो मस्जिद की संपत्ति है सिर्फ उसी पर दावा किया जा रहा है। नवाब टोक की प्रोपर्टी है ये और उस समय से ये मस्जिद है। ये कोई विवाद नहीं है इसे सिर्फ विवाद बनाया जा रहा है। हम सभी कॉलेज प्रशासन (UP college controversy) के साथ मिलकर एकजुट होकर और सहसमझौते के साथ अपना नमाज शुरू से लेकर अब तक ऐडा करते आ रहे हैं।


पीएससी व पुलिस बल के जवान कॉलेज कैंपस में तैनात
बता दें कि इस दौरान भारी संख्या में नमाजियों ने मस्जिद में पहुंचकर नमाज अदा किया वही पीएससी व पुलिस बल के जवान कॉलेज कैंपस में तैनात नजर आए जिन्होंने अपनी पैनी नजर चारों ओर बनाए रखी। एडीसीपी टी. सरवरण और कैंट एसीपी विद्युत सक्सेना के साथ अन्य फ़ोर्स नजर आई जी लगातार पुलिस बल (UP college controversy) के साथ परिसर में भ्रमण करते रहें ताकि किसी भी प्रकार की कोई चुक ना होने पाए।


वही कॉलेज (UP college controversy) के छात्र भी वहां मौजूद नजर आए इस दौरान उनमें आक्रोश भी नजर आया। एक-एक करके सभी नमाजी पुलिस बल की सुरक्षा के बीच मस्जिद में नमाज करने के लिए गए और ठीक उसी प्रकार से एक-एक करके सभी नमाजी नमाज अदा करने के बाद वहां से बाहर निकले।

15 दिन के अन्दर वफ्फ़ बोर्ड के पास जायेंगे
वहीं जब हमने नमाज अदा करने के बाद मस्जिद से बहार आ रहे नमाजियों से बातचीत की तो मस्जिद से जुड़े मुख्तार ने बताया कि ये सरकारी दस्तावेज का मामला है। ये मस्जिद नवाब टोक के जमाने से है और कोई भी देख ले इसका इतिहास हम शुरू से नमाज करते आ रहे हैं।हमारे पास सब पेपर है, सभी दस्तावेज है जिसे मुकम्मल करके 15 दिन के अन्दर वफ्फ़ बोर्ड के पास जायेंगे, बैठक करेंगे और फिर आगे की बात होगी।


छात्रनेता ने जॉइंट सीपी और डीएम को सौंपा ज्ञापन
इसके बाद यूपी कॉलेज (UP college controversy) के छात्रनेता विवेकानंद जिन्होंने कुछ अन्य छात्रों के साथ पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल को संबोधित ज्ञापन जॉइंट सीपी और जिलाधिकारी को सौंपा जिसमें उन्होंने मस्जिद में नमाज पर रोक लगाने के साथ ही सिर्फ 5 लोगों को चिन्हित करके अंदर प्रवेश व नमाज पढने की अनुमति दी जाने की मांग की।
इसे लेकर छात्रनेता विवेकानंद ने बताया कि हमने ज्ञापन सौंपा है और यह मांग की है क्योंकि यह कभी मस्जिद था ही नहीं। हमने सिर्फ सामाजिक सौहार्द को बनाये रखने के लिए उन्हें नमाज पढने की अनुमति दे राखी है लेकिन जिस दिन से सीएम योगी हमारे कॉलेज (UP college controversy) के स्थापना दिवस पर आते हैं तबसे ये लोग इस प्रकार के कृत्य में लग गये।


जानिए आखिर क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि यहीं पर कॉलेज परिसर (UP college controversy) के अंदर ही 100 मीटर की दूरी तय करते ही एक मस्जिद भी है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने के लिए आते हैं। इसी इलाके के रहने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति वसीम अहमद के दिमाग में मुस्लिम कट्टरपंथ और मजहबी कीड़ कुलबुलाने लगता है और और वह 2018 में लखनऊ स्थित वक्फ बोर्ड के प्रादेशिक मुख्यालय में एक आवेदन देता है और उदय प्रताप कॉलेज को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बता देता है। उसी के आवेदन को आधार बनाकर वक्फ बोर्ड कॉलज प्रशासन को नोटिज जारी कर उस पर अपना हक जता देता है।

इसके बाद कॉलेज (UP college controversy) की ने जबाव दिया कि जिस मस्जिद के बल पर इसे वक्फ की संपत्ति बताया जा रहा है वो असल में अवैध है और कॉलेज प्रशासन की पूरी संपत्ति इंडाउमेंट ट्रस्ट की है, जो कि खरीदी या बेची नहीं जा सकती है।

वहीं कुछ दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उदय प्रताप कॉलेज के स्थापना दिवस कार्यक्रम में वाराणसी पहुंचे। उन्होंने कॉलेज (UP college controversy) को आने वाले वक्त में विश्वविद्यालय बनाने की बात कही थी। अब देखना यह है कि आखिर इस मामले को लेकर आगे क्या बात होती है यह मामला कितना टूल पकड़ता है या फिर जिस प्रकार से कॉलेज प्रशासन व मुस्लिम समुदाय में जो आपसी समझौता चला आ रहा है वह बरक़रार रहेगा।
Comments 1