Congress: लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही सभी पार्टियों की धडकनें बढ़ने लगी हैं। इसके लिए सभी पार्टियां कमर कस रही हैं। दूसरी ओर भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को बीते 9 वर्षों में अपने ही गढ़ कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा है।
अब लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस (Congress) ने भी एड़ी छोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। 2014 के बाद से बिखर चुकी कांग्रेस पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने पूरी ताकत झोंक दी है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने में जुटी हुई है। भारत के सबसे बड़े राज्य यूपी (Uttar Pradesh) से इसकी शुरुआत कांग्रेस ने गुरुवार को शुरू कर दिया है।
कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में किए गये संगठनात्मक बदलाव के तहत वाराणसी के कद्दावर नेता व पांच बार पिंडरा विधानसभा से विधायक रहे अजय राय को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। जिसके बाद अब कांग्रेस का वोट बैंक मजबूत होने की स्थिति में आ गया है।
Congress नेता अजय राय संवारेंगे यूपी
दरअसल, पूर्व विधायक अजय राय एक जमीनी नेता माने जाते हैं। अजय राय के प्रदेश अध्यक्ष बनने से पूर्वांचल में कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत बनाएगी। अजय राय का प्रभाव केवल वाराणसी ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल और बिहार की सीमा से लगे यूपी के गांवों में भी माना जाता है। अब देखना यह मजेदार होगा कि कांग्रेस के संगठनात्मक बदलाव के बाद बेसुध हो चुकी कांग्रेस (Congress) फिर से खड़ी हो पाती है या नहीं।

दूसरी ओर बात वाराणसी की करें, तो अजय राय पिछले दो बार के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिद्वंदी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इन चुनावों में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब अजय राय के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से वाराणसी की लोकसभा प्रत्याशी (Congress) के टिकट के लिए भी घमासान तेज हो गई है। कार्यकर्ता अपने अपने चहेतों को आगे करने में लगे हुए हैं। वहीं कुछ पुरनिये नेता भी स्वयं को वाराणसी के लोकसभा प्रत्याशी के रूप में देखने लगे हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो, अजय राय के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को कुछ बल मिलेगा। जिन क्षेत्रों में लोग बीजेपी नेताओं से नाराज हैं, वहां कांग्रेस (Congress) बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एक नए सिरे से संगठन में बदलाव कर रही है। जिसके बाद कांग्रेस का वोटबैंक मजबूत होने के आसार हैं।