UP News: यूपी के ब्रजघाट श्मशान घाट से एक बेहद हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। श्मशान घाट पर उस वक़्त हड़कंप मच गया जब दो युवक एक 18 वर्षीय युवक के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचे। चिता सज गई, लकड़ियाँ भी ले ली गईं, बस आग देने का वक्त ही था कि एक ऐसा खुलासा हुआ जिसने सभी के होश उड़ा दिए। वह कोई शव नहीं बल्कि प्लास्टिक की एक डमी थी। जिसका अंतिम संस्कार करने की पूरी प्लानिंग और प्लोटिंग थी।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर हर किसी को बेहद हैरानी हो रही और यह जिज्ञासा भी जाग रही कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया।
UP News: शोक नहीं- रिश्तेदार नहीं, लोगों को हुआ शक
दरअसल, घटना गुरुवार की दोपहर की है। दिल्ली से आए कमल सोमानी और उसका साथी आशीष खुराना, पूरी तैयारी के साथ श्मशान पहुँचे। कार से कपड़ों में लिपटा शव निकाला गया, चिता पर रखा गया, और अंतिम संस्कार की रस्म लगभग शुरू होने ही वाली थी। पर तभी नगर पालिका कर्मचारी नितिन (UP News) की नज़र पड़ी कि चिता तो है लेकिन शोक का माहौल नहीं और रिश्तेदार भी गायब, उन्हें शक हुआ और फिरकहानी पलट गई।

नितिन ने उनसे मृतक का नाम पूछा तो उन्होंने बताया कि अंशुल, करोलबाग दिल्ली का निवासी। लेकिन जब नितिन ने चेहरा देखने की माँग की तो दोनों युवक टालमटोल करने लगे। तभी कर्मचारी (UP News) ने आगे बढ़कर कफ़न हटाया और जो मंजर उसे दिखा उससे हड़कंप मच गया क्योंकि वहां कोई शव नहीं बल्कि एक प्लास्टिक की डमी चिता पर पड़ी थी! बस फिर क्या था लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया। भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और दोनों युवक को गिरफ्तार कर लिया गया।
कर्ज चुकाने की चाह में बनाया खतरनाक प्लान
पूछताछ में पता चला कि इस जालसाजी की कहानी 50 लाख के पीछे की है। कमल सोमानी एक कपड़ा व्यापारी है। कोरोना काल में पिता और दो भाइयों की मौत के बाद कारोबार (UP News) डूब गया और उस पर 50 लाख का कर्ज चढ़ गया। कर्ज चुकाने की चाह में उसने यह खतरनाक प्लान बनाया।
इस प्लानिंग में सबसे पहले अपने पूर्व कर्मचारी नीरज के भाई अंशुल के दस्तावेज़ हड़पे। उसके बाद ऑनलाइन बीमा कराया, प्रीमियम भरता रहा और अब फ़र्ज़ी अंतिम संस्कार कर बीमा का 50 लाख का क्लेम लेने जा रहा था। यानी, डमी की चिता जल जाती तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाता। फिर उसकी के सहारे उठाए जाते 50 लाख रुपये!
लेकिन नितिन की सतर्कता और पुलिस की तेज़ कार्रवाई से पूरा खेल बिगड़ गया। जांच में तो यह भी पता चला कि कार में दो और डमी के हिस्से मिले हैं यानी जालसाजी की तैयारी पूरी थी, बस आखिरी कदम उठना बाकी था। इस बीच, पुलिस ने कमल के मोबाइल से असली अंशुल को वीडियो कॉल किया — अंशुल जिंदा है, स्वस्थ है और प्रयागराज (UP News) में मौजूद है। अब आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।

