Varanasi: साइबर क्राइम थाना वाराणसी की टीम ने अंतरराज्यीय साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को विदेशी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था। इस गिरोह ने 80 लाख रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में गिरोह के सरगना समेत तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, नकदी समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं।
Varanasi: फर्जी नौकरी दिलाने का झांसा देकर करते थे ठगी
17 जनवरी 2025 को वाराणसी के सारनाथ निवासी अखिलेश कुमार पांडेय ने साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज कराई कि उनका डेटा जॉब प्रोवाइडर कंपनी से हासिल कर साइबर अपराधियों ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके लिए उनसे विभिन्न शुल्क और टैक्स के नाम पर कुल 80 लाख रुपये ठग लिए गए।
इस शिकायत के आधार पर थाना साइबर क्राइम वाराणसी में मुकदमा संख्या 05/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया और निरीक्षक विजय कुमार यादव को विवेचना सौंपी गई।
नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर बनाकर चला रहे थे ठगी का रैकेट
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि साइबर अपराधियों ने नोएडा के सेक्टर-10 में फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था। वे Times Job Internet (Cool Boot Media) और Work India जैसी जॉब पोर्टल कंपनियों के रिक्रूटर पोर्टल को अवैध तरीके से एक्सेस कर जॉब सीकर्स का डेटा चोरी कर लेते थे।
इसके बाद वे फर्जी टेली-कॉलर्स के माध्यम से जॉब सीकर्स से संपर्क करते और उन्हें विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देते। नौकरी के नाम पर वे रजिस्ट्रेशन फीस, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन फीस, वीजा फीस और अन्य टैक्स के बहाने बड़ी रकम ऐंठ लेते थे।
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल
ठगी करने के लिए ये अपराधी कूटरचित और डिजिटल हस्ताक्षरित जॉब ऑफर लेटर, इंटेंट लेटर और इंटरव्यू लेटर तैयार करते थे, जिससे शिकार लोगों को विश्वास हो जाता था कि उन्हें वास्तव में विदेशी कंपनियों में नौकरी मिल रही है।
साइबर अपराधियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी म्यूल बैंक अकाउंट और फर्जी नाम-पते पर रजिस्टर्ड सिम कार्ड का इस्तेमाल किया।
गिरफ्तार अपराधियों का विवरण
पुलिस ने इस मामले में तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो गिरोह का संचालन कर रहे थे:
- दीपक कुमार (31 वर्ष) – निवासी बुद्ध विहार, गाजियाबाद
- भानु प्रताप (28 वर्ष) – निवासी इटौरा, मैनपुरी
- कुनाल विश्वास (22 वर्ष) – निवासी बुद्ध विहार, गाजियाबाद
इन आरोपियों पर पहले भी साइबर धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। गिरफ्तार अपराधियों के पास से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नकदी बरामद की गई है।
Highlights
पुलिस की सराहनीय कार्रवाई
वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और डीसीपी अपराध प्रमोद कुमार के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। मामले की जांच अपर पुलिस उपायुक्त श्रुति श्रीवास्तव और सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार की निगरानी में की गई। इस अभियान को सफल बनाने में निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, विजय कुमार यादव, राजकिशोर पांडेय, दीनानाथ यादव, और अन्य पुलिसकर्मियों की अहम भूमिका रही।