Varanasi : बनारस को भिक्षावृत्ति या नो बेगर जोन बनाने का अभियान निरंतर जारी है। जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और पुलिस प्रशासन ने शहर को भिक्षुकमुक्त बनाने का भी संकल्प लिया है। इसके लिए भिखारियों को चिह्नित कर उन्हें पकड़ने का भी अभियान लगातार चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज वाराणसी के अन्धारापुल से लेकर चौकाघाट सहित विभिन्न क्षेत्रों में अभियान चलाते हुए भिखारियों को पकड़ा गया।

दर्जनों की संख्या में भीख मांगने वाले बच्चों, नौजवानो और बूढों को विभाग के अधिकारीयों ने पकड़कर प्रवर्तन दल नगर निगम (Varanasi) के वैन में बैठकर रवाना किया। इस भिखारियों को चिह्नित करते हुए उन्हें सामने घाट अपना घर आश्रम में भेजा गया। वहीं भीख मांगने वाले बच्चों को बाल सुधार गृह व चाइल्ड लाइन में भेजा गया।

Varanasi: अधिकारियों संग जाने को तैयार नही थे भिखारी
आश्चर्य की बात यह है कि ये भिखारी जिनकी जिन्दगी सुधारने के लिए प्रशासन निरंतर प्रयासरत है वह खुद ही अपने इस कार्य को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। जब अधिकारी उन्हें लेने के लिए उनके पास जाने लगे तो ये भिक्षुक किसी भी परिस्थिति में अधिकारियों संग जाने को तैयार नहीं थे। कोई सड़क पर लेट जा रहा था तो कोई उठने को तैयार नहीं था, वहीं कोई स्ट्रीट लाइट की पोल को पकड़कर जिद्द करता हुआ नजर आया।
इतना ही नहीं इस दौरान कई अधिकारी चोटिल भी हो गये। भीख मांगने वाले सभी लोगों को जबरजस्ती कैसे भी करके पुलिस व जिला समाज कल्याण विभाग (Varanasi) के अधिकारियों ने वैन में बैठाया। बावजूद इसके वह लगातार शोर शराबा करते रहे। कोई भी जाने को तैयार ना था। किसी को गोद में उठाकर तो किसी को चादर समेत चारो-ओर से पकड़कर अधिकारी ले जाते नजर आये।
वृद्ध महिला ने ना जाने की लगाई रट
एक वृद्ध महिला जो कि वृद्ध अवस्था में इतने ठण्ड में बेसुध होकर सड़क पर पड़ी थी लेकिन जैसे ही विभाग के अधिकारी उसे उठाने के लिए उसे पास पहुंचे तो वह ना ना की रट लगाने लगी। महिला पुलिस (Varanasi) उस वृद्ध महिला से लगातार यह कह रही कि आपको अच्छा खाना और अच्छा इलाज मिलेगा। इसके बावजूद भी वह महिला जाने को तैयार नहीं हुई। थक-हारकर अधिकारीयों को उसे उसके चादर व कम्बल समेत चारो-ओर से उठाकर ले जाना पड़ा और वैन में डालना पड़ा।

भिखारी ने की अधिकारीयों संग बहस
वहीं एक शख्स जो पुलिस व अधिकारियों से लगातार बहस करता हुआ नजर आया। ये व्यक्ति फ्लाईओवर के नीचे बैठकर भीख मांग रहा था और इतना ही नहीं बच्चों से भीख मंगवा भी रहा था और जैसे ही अधिकारीगण उसके पास उसे लेने के लिए पहुंचे तो वह खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताने लगा।
वहीं जब अधिकारियों उससे नगर निगम के कर्मचारी होने का प्रमाण माँगा तो वह कोई भी दस्तावेज ना दिखा पाया इसके बाद भी उसका नाटक यहीं नहीं खत्म हुआ उसने अधिकारियों (Varanasi) संग बहस शुरू कर दिया और ना जाने की जिद्द पर अड़ गया। पहले उसने अधिकारियों संग खींचा-तानी की उसके बाद सड़क पर लेट गया फिर जब उसे उठाया गया तो वह स्ट्रीट लाइट की पोल पकड़कर खड़ा हो गया फिर उसे कैसे भी करके जबरजस्ती कई अधिकारीयों ने पकड़कर वैन में डाला।
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