Varanasi: उत्तर प्रदेश की अग्रणी तहसीलों में गिनी जाने वाली पिंडरा तहसील इस समय अव्यवस्था के दलदल में फंसी हुई है। बरसात के मौसम में बार-बार होने वाले जलजमाव से परेशान अधिवक्ताओं का गुरुवार को सब्र टूट गया। तहसील परिसर में फैले गंदे पानी को देखकर वकीलों ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया — उन्होंने जलजमाव वाले हिस्सों में धान की रोपाई कर प्रशासन के खिलाफ प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया।

इस दौरान वकीलों ने “भ्रष्ट प्रशासन होश में आओ” जैसे नारों के साथ अपनी नजरागी जाहिर की। उनके इस विरोध प्रदर्शन को देखकर तहसील (Varanasi) के कर्मचारी भी अपने दफ्तरों से बाहर निकल आए। कई कर्मचारियों ने दबी जुबान से अधिवक्ताओं के इस कदम का समर्थन भी किया।

Varanasi: प्रशासन को जगाने का हुआ प्रयास
अधिवक्ताओं का कहना था कि प्रदेश की नंबर वन मानी जाने वाली तहसील पिंडरा आज बदहाली का शिकार है। हर साल बारिश में जलनिकासी की व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस समाधान नहीं किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि यह विरोध सिर्फ नाराजगी नहीं, बल्कि प्रशासन को जगाने का प्रयास है।
वकीलों का कहना है कि शहर के पश्चिमी छोर पर स्थित यह तहसील परिसर प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है। अगर जल्द ही स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल मुख्य रूप से पूर्व अध्यक्ष शिवपूजन सिंह, पनधारी यादव, जवाहर वर्मा, श्रीनाथ गौड़, रामभरत यादव, अशोक लाल कनौजिया, अमर पटेल, रवि यादव और ए.के. सिंह सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे। सभी वकील (Varanasi) घुटनों तक भरे गंदे पानी में उतरे और वहीं प्रतीकात्मक रूप से धान की रोपाई करके अपना विरोध दर्ज कराया।