Varanasi: पांच करोड़ से अधिक की आर्थिक धोखाधड़ी के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। फाइनेंस कंपनी की निदेशक की पत्नी विद्या देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई चेतगंज पुलिस द्वारा लक्सा स्थित मिसिर पोखरा इलाके से की गई। इससे पहले इस मामले में आरोपी कंपनी निदेशक कवलधारी यादव और उनके बेटे ब्रह्मदेव यादव पहले ही गिरफ्तार होकर जेल भेजे जा चुके हैं। दोनों की जमानत याचिका भी न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है।
Varanasi: जानिए क्या है पूरा मामला
पूरा मामला फाइनेंस कंपनी नीलाम्बर ट्रैक्सिम ऐंड क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिसका मुख्य कार्यालय वाराणसी (Varanasi) के ईश्वरगंगी में स्थित है, जबकि यह कंपनी कागजों पर पश्चिम बंगाल में पंजीकृत है। कंपनी के मैनेजर सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव, निवासी उतरौत (चंदौली) की तहरीर पर यह धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया।
शिकायत के अनुसार, कंपनी के निदेशक कवलधारी यादव ने वाराणसी स्थित यस बैंक की रामकटोरा शाखा के तत्कालीन प्रबंधक आशीष तिवारी के साथ मिलकर सुनियोजित साजिश के तहत कंपनी के फंड्स में हेराफेरी की। बिना किसी आधिकारिक बोर्ड प्रस्ताव या सूचना के कंपनी (Varanasi) के जनरल ऑपरेशन खाते में जमा राशि और फिक्स डिपॉजिट्स को अन्य निजी खातों में स्थानांतरित कर दिया गया।
धोखाधड़ी की यह कार्रवाई 5 अक्टूबर 2023 से 26 जुलाई 2024 के बीच की गई, जिसमें कुल ₹5,02,76,435 की रकम का गबन किया गया। पुलिस जांच में सामने आया कि यह रकम निजी संस्थाओं और व्यक्तियों के खातों में ट्रांसफर की गई।
मामले में दर्ज (Varanasi) आरोपियों की सूची लंबी है। इसमें निदेशक कवलधारी यादव, उनकी पत्नी विद्या देवी, बेटा ब्रह्मदेव यादव, यस बैंक के पूर्व प्रबंधक आशीष तिवारी, बैंक के अन्य कर्मचारी मंदीप सिंह, हिमांशु शुक्ला, शदाब रजा, इसके अलावा कंपनियां मैक्समोर पेमेंट डिजिटेक प्रा. लि., वैभव ट्रेडर्स, दिव्यांशी ब्यूटी पार्लर, दीपा कलेक्शन, और व्यक्तिगत नाम जैसे नेहा बानो, मो. आमिर, उमंग गौतम भी शामिल हैं।
चेतगंज थाना प्रभारी दिलीप कुमार मिश्रा ने जानकारी दी कि यह मामला आपराधिक साजिश, अमानत में खयानत और बैंकिंग नियमों की अनदेखी से जुड़ा है। पुलिस का कहना है कि इस पूरे नेटवर्क की परतें खोली जा रही हैं और अन्य फरार आरोपियों की तलाश भी जारी है।