Varanasi: अक्षय तृतीया: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी दिन माना गया है। इस अवसर पर काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ तड़के से ही गंगा घाटों की ओर उमड़ पड़ी। दशाश्वमेध, अस्सी, पंचगंगा और अन्य प्रमुख घाटों पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और धर्म-कर्म में लीन होकर दान-पुण्य किया।
Varanasi: ऋतु-फल और वस्त्र आदि का भक्तों ने किया दान
तीर्थ पुरोहितों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन किए गए धार्मिक कार्य, जैसे गंगा स्नान, जप-तप और दान, कभी समाप्त नहीं होने वाला पुण्य प्रदान करते हैं। विशेष रूप से महिलाएं इस दिन गंगा स्नान (Varanasi) कर ऋतु-फल और वस्त्र आदि का दान कर रही थीं, जिससे वे ‘अक्षय पुण्य’ की अधिकारी बन सकें।
अक्षय तृतीया का महत्व इस विश्वास में निहित है कि इस दिन किया गया पुण्य जीवनभर साथ रहता है और उसका क्षय नहीं होता। यही कारण है कि लोग इस दिन धार्मिक अनुष्ठानों, दान और जप में विशेष रुचि लेते हैं।
श्रद्धालुओं (Varanasi) की भारी भीड़ को देखते हुए गंगा घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह सतर्क रहीं ताकि स्नान करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।