Varanasi: वाराणसी के जिला कोर्ट परिसर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सैकड़ों वकीलों ने मिलकर एक दरोगा को बेरहमी से पीटा। इस शर्मनाक घटना की पूरी सच्चाई कचहरी के CCTV फुटेज में कैद हो गई है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि वकीलों की भीड़ ने बड़ागांव थाने के दरोगा मिथलेश को न सिर्फ गालियां दीं, बल्कि उसे कोर्ट परिसर से जबरन खींचकर लात-घूसों से अधमरा कर दिया। इस हमले में दरोगा के सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं, जबकि सिपाही राणा प्रताप और ACM के हेड मोहर्रिर भी घायल हुए।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह हमला कोई आकस्मिक घटना नहीं थी। वकीलों ने दरोगा को निशाना बनाने की साजिश पहले से रची थी। दो दिन से कुछ वकील उसका इंतजार कर रहे थे। मंगलवार को जैसे ही दरोगा कोर्ट परिसर में पहुंचा, सैकड़ों वकीलों (Varanasi) की भीड़ ने उसे घेर लिया। पहले उसे उकसाने के लिए गालियां दी गईं, फिर वर्दी खींचकर बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। वरिष्ठ अधिवक्ताओं और हेड मोहर्रिर ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने उनकी एक न सुनी और दरोगा को तब तक पीटा, जब तक वह जमीन पर गिरकर अधमरा नहीं हो गया।

Varanasi: CCTV ने खोली सच्चाई, वकील चिह्नित
घटना की पूरी वारदात कचहरी के CCTV कैमरों में कैद हो गई। वीडियो में वकीलों की अराजकता साफ नजर आ रही है, जहां वे दरोगा को खींचकर बेरहमी से पीट रहे हैं। पुलिस (Varanasi) ने फुटेज के आधार पर लगभग सभी हमलावर वकीलों को चिह्नित कर लिया है और उनकी सूची तैयार कर ली है। पुलिस अब बार एसोसिएशन के सहयोग से सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
बार एसोसिएशन ने झाड़ा पल्ला, बुलाई बैठक
इस घटना ने सेंट्रल बार और बनारस बार एसोसिएशन को भी असहज कर दिया है। दोनों संगठनों ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और इस मामले (Varanasi) में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है। साथ ही, इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक आपात बैठक बुलाई गई है। दूसरी ओर, कचहरी परिसर में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि उन वकीलों की कार्यशैली पर भी उंगली उठाती है, जो खुद को कानून का रक्षक कहते हैं। दरोगा पर इस तरह का सुनियोजित और बर्बर हमला न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह कुछ लोग अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रहे हैं। अब सबकी निगाहें पुलिस और बार एसोसिएशन की कार्रवाई पर टिकी हैं, जो इस मामले में कितनी सख्ती बरतते हैं।