वाराणसी। बजट 2025 (Budget 2025) को लेकर जहां भाजपा नेताओं ने इसे समृद्धि और आत्मनिर्भरता का बजट बताया, वहीं राघवेन्द्र चौबे ने इसे निराशाजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट बेरोजगारों, नवजवानों, महिलाओं और किसानों के लिए कोई ठोस समाधान नहीं पेश करता।
बजट (Budget 2025) की बड़ी कमियां:
🔹 कोई संरचनात्मक सुधार नहीं: धीमी आर्थिक वृद्धि और निजी निवेश को पुनर्जीवित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
🔹 राजकोषीय घाटे पर अनिश्चितता: घाटे को नियंत्रित करने का कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं दिया गया, जिससे आर्थिक स्थिरता को खतरा हो सकता है।
🔹 रोजगार सृजन पर ध्यान नहीं: बेरोजगारी को दूर करने और नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ठोस नीतियों का अभाव दिखता है।
🔹 वैश्विक प्रतिस्पर्धा को लेकर उदासीनता: भारत में विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ाने और उद्योगों की प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने के लिए कोई बड़ा प्रोत्साहन नहीं दिया गया।
🔹 विकास दर पर अवास्तविक अनुमान: उन्होंने कहा कि सरकार के अनुमान आर्थिक नियोजन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हैं।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया ने जताई निराशा
राघवेन्द्र चौबे ने कहा कि बजट पेश होते ही शेयर बाजार में आई गिरावट यह दर्शाती है कि निवेशकों की उम्मीदें भी पूरी नहीं हुईं। उन्होंने सरकार से आर्थिक सुधारों पर जोर देने, रोजगार बढ़ाने और वास्तविक विकास को प्राथमिकता देने की अपील की।