Varanasi: काशी की पावन धरती पर रंगभरी एकादशी के पावन अवसर पर नागा सन्यासियों द्वारा मां गौरा की डोली उठाई जाएगी। महादेव परिवार के साथ ये पवित्र डोली काशी की गलियों में भव्य शोभायात्रा करेगी। इस दौरान काशीवासी पूरे उत्साह के साथ गुलाल की होली खेलकर इस अद्भुत परंपरा में शामिल होंगे। महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती के विवाह के बाद पूर्व महंत के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर मां गौरा के गौना की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। नगर के इस सांस्कृतिक आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है।
Varanasi: बाबा की पवित्रता और परंपरा को दर्शाती है रस्म
पूर्व महंत आवास पर रंगभरी एकादशी और मां गौरा की विदाई को लेकर विशेष आयोजन किया जा रहा है। नागा सन्यासियों ने बाबा को विशेष रूप से मेवाड़ से मंगाई गई हल्दी लगाई। यह हल्दी रस्म बाबा की पवित्रता और परंपरा (varanasi) को दर्शाती है। संपूर्ण विवाह और गौना की रस्मों को पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न करने की तैयारियां जोरों पर हैं। बाबा की रजत प्रतिमा के नगर भ्रमण की भव्य योजना भी बनाई जा रही है।
पूर्व महंत कुलपति तिवारी के निधन के बाद शिव-पार्वती विवाह और गौना की रस्में पं. वाचस्पति तिवारी के संयोजन में संपन्न की जा रही हैं। इस वर्ष पहली बार नागा सन्यासियों ने बाबा को हल्दी लगाकर इस परंपरा को एक नया रूप दिया है। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर (varanasi) पर बाबा के विवाह के बाद प्रतिदिन पूर्व महंत आवास में संध्या समय विवाह गीतों की मधुर गूंज सुनाई दे रही है, जिससे समूची काशी भक्ति और उल्लास के रंग में रंगी नजर आ रही है।
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