Varanasi: नवरात्र की अष्टमी तिथि पर जहां एक ओर मां दुर्गा की आराधना पूरे देश में आस्था और भक्ति के साथ की जा रही थी, वहीं वाराणसी में इस पावन पर्व को एक नई दिशा देने की अनूठी पहल देखने को मिली। ‘नमामि गंगे’ की पहल के तहत दुर्गा स्वरूपा कन्याओं ने कुमारी पूजन के दौरान पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

Varanasi: समाज को हरित जीवनशैली अपनाने का दिया संदेश
गढ़वासी टोला स्थित अमर शहीद संतोष कुमार कपूरिया युवा सांस्कृतिक समिति के पंडाल में आयोजित इस विशेष अनुष्ठान में कन्याओं ने “प्रदूषण रूपी राक्षस के दमन” का आह्वान करते हुए लोगों (Varanasi) से कहा कि “एक पेड़ मां के नाम जरूर लगाएं।” इस अवसर पर उन्होंने सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की और कपड़े के झोले व देवी दुर्गा की प्रिय मानी जाने वाली अड़हुल (जवाकुसुम) के पौधे उपहार में लेकर समाज को हरित जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने बताया कि इस बार कुमारी पूजन (Varanasi) केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं रहा, बल्कि इसे सामाजिक सरोकार से जोड़कर पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली की प्रेरणा दी गई। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में देवी दुर्गा का सीधा संबंध प्रकृति से है, और नवरात्रि पर्व प्रकृति के सम्मान और संतुलन बनाए रखने का संदेश देता है।
पूजन स्थल पर मौजूद भक्तों और आयोजन समिति के सदस्यों ने भी कन्याओं की इस पहल का जोरदार स्वागत किया। उनका मानना है कि धार्मिक उत्सवों को सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ना ही आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

