Varanasi: मैदागिन स्थित श्री हरिश्चन्द्र डिग्री कॉलेज में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के छात्रों को नव प्रवेश प्रक्रिया में आरक्षण का लाभ न मिलने पर छात्रों ने गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर प्रवेश प्रक्रिया में घोर लापरवाही और आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया।
आरक्षण नियमों की अवहेलना
राज्यपाल सचिवालय और उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने सभी आरक्षित वर्गों के छात्रों को उनके अधिकारों के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया में आरक्षण देने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, कॉलेज प्रशासन ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज पिछले कई वर्षों से ओबीसी छात्रों को उनके निर्धारित आरक्षण से वंचित कर रहा है।
Varanasi: सत्र 2024-2025 की प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितता
छात्रों के अनुसार, सत्र 2024-2025 की प्रवेश प्रक्रिया में पहले वरीयता सूची में ओबीसी छात्रों को प्रवेश दिया गया, लेकिन रिक्त सीटों पर द्वितीय वरीयता सूची जारी करते समय आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया। इससे ओबीसी छात्रों को उनके अधिकारों का लाभ नहीं मिल पाया।
आरक्षण नियमों की अनदेखी
छात्रों ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्रांक 1191/सत्तर-2-2010-3(58)/79 में स्पष्ट रूप से आरक्षण नियमों का उल्लेख है। इसके बावजूद, कॉलेज प्रशासन ने इन नियमों को नजरअंदाज किया। छात्रों ने इसे गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता करार देते हुए मामले की जांच की मांग की है।
प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा गया
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करें। छात्रों ने कहा कि यदि इस पर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो वे और भी सख्त कदम उठाने को तैयार हैं।
इस संबंध में कॉलेज प्राचार्य प्रो. रजनीश कुंवर ने बताया कि छात्रों ने ओबीसी वर्ग के अधिकारों के हनन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है। छात्रों की मुख्य मांग यह है कि उन्हें एडमिशन लिस्ट सार्वजनिक रूप से दिखाई जाए, ताकि प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्रमुख छात्र
प्रदर्शन में शिवम पटेल, विवेक कुमार, विशाल सिंह, अतुल सेठ, बालेंदु गुप्ता, सतीश कुमार सिंह और रोहित प्रमुख रूप से शामिल थे।
Highlights
छात्रों ने प्रशासन से मांग की है कि आरक्षण के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो। छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन ने महाविद्यालय प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।