Varanasi: तेजी से बदलती जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खान-पान के चलते अब युवाओं और किशोरों में भी हृदय रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है। बीएचयू के हृदय रोग विभाग में हर हफ्ते 40 साल से कम उम्र के लगभग 10 मरीजों को स्टेंट लगाया जा रहा है। भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित दिनचर्या के कारण दिल की बीमारियों की चपेट में अब युवा पीढ़ी भी आ रही है। हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाया जाता है, और इस साल की थीम ‘यूज हर्ट फॉर एक्शन’ है।
Varanasi: सीने में दर्द या सांस फूलने की शिकायत लेकर आते हैं लोग
जिले के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर हृदय रोग विशेषज्ञों (Varanasi) की कमी है, जिसके कारण अधिकांश मरीजों को बीएचयू रेफर किया जाता है। बीएचयू के हृदय रोग विभाग के पूर्व प्रमुख, प्रोफेसर ओमशंकर के अनुसार, ओपीडी में हर दिन 20 से 30 ऐसे मरीज आते हैं जिनकी उम्र 20 से 40 साल के बीच होती है। इनमें से कई लोग सीने में दर्द या सांस फूलने की शिकायत लेकर आते हैं, और जांच के दौरान उनमें हृदय रोग के प्रारंभिक लक्षण पाए जाते हैं।
सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों (Varanasi) में हृदय रोगियों के लिए ईसीजी जांच की सुविधा उपलब्ध है और थ्रोम्बोलाइसिस की प्रक्रिया भी की जा रही है। इसके लिए अस्पताल कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है।
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