Varanasi: महाकुंभ में स्नान के दौरान महिलाओं और युवतियों की गुप्त रूप से ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर इन तस्वीरों को मोटी रकम में बेचा जा रहा है, जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सरकार पर निशाना साधा था।

गुरुवार को वाराणसी में वकीलों ने महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात को ज्ञापन सौंपते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। अधिवक्ता राजेश त्रिवेदी ने इस कृत्य को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की।
वाराणसी कचहरी स्थित सर्किट हाउस में महिला आयोग की सुनवाई के दौरान वकीलों ने यह मामला उठाया। महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए पुलिस प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ एक सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है, ऐसे आपत्तिजनक कृत्य न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि समाज की नैतिकता पर भी सवाल खड़ा करते हैं।”
नीलम प्रभात ने बताया कि इस मामले की शिकायत पुलिस आयुक्त को भेजी गई है और उनसे जल्द से जल्द सोशल मीडिया से ऐसी तस्वीरों को हटाने का अनुरोध किया गया है।
Varanasi:वकीलों ने आरोपियों पर मामला दर्ज करने की मांग की
वकीलों ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।