Varanasi: केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं के द्वारा पर्यटन के रूप में तेजी से विकसित हो रहे गाँव कैथी में लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग से मार्कंडेय महादेव धाम तक चौड़ीकरण की योजना पर अज्ञात कारणों से रोक लगाये जाने से ग्रामवासियों और दर्शनार्थियों में बहुत रोष है।
उक्त सड़क के चौड़ीकरण की योजना से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होने वाले लगभग 90 परिवारों में से 82 लोगों ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग,अधिशासी अभियंता, कैबिनेट मंत्री लोक निर्माण विभाग, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को शपथ पत्र भेज कर योजना का समर्थन करते हुए इस कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने का आग्रह किया है । ग्रामवासियों का कहना है कि यदि एक सप्ताह में काम नही प्रारंभ हुआ तो ग्रामवासी आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे ।

जिलाधिकारी राजलिंगम, मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा सहित विभिन्न स्तर पर पत्र भेज कर भी व्यापक जनहित में इस सड़क के चौड़ीकरण की मांग की गई है । अधिकारियों से मिल कर यह भी अवगत कराया गया है कि विभागीय उपेक्षा के कारण धाम तक जाने वाली सड़क में अधिकांश स्थान पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं जिसमे जल जमाव के कारण फिसलन हो रही है जो दुर्घटना को आमंत्रित कर रही है ।
Varanasi: राजनीति की भेंट चढ़ गया मार्कंडेय महादेव रोड
पत्र में अनुरोध किया गया है कि मार्कण्डेय महादेव दर्शन पूजन करने हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री दो पहिया और चार पहिया वाहनों से आते हैं, गांव के मध्य से धाम तक तक जाने वाली सड़क पर अतिक्रमण के कारण प्रायः जाम की स्थिति बनी रहती है जिससे ग्राम वासियों का जीवन दूभर हो गया है।
धार्मिक क्षेत्र विकास और पर्यटन की दृष्टि से सड़क के चौड़ीकरण की लम्बे समय से उठ रही मांग को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पाण्डेय के प्रयास से यह कार्य स्वीकृत हुआ था और सावन माह के पूर्व कार्य प्रारम्भ भी हुआ किंतु अज्ञात कारणों से कुछ ही दिनों बाद इस पर रोक लगा दी गई जो अनुचित है ।

शपथ पत्र पर सड़क चौड़ीकरण की मांग प्रेषित करने वालों में सौरभ सिंह, अविलेश रघुवंशी, सिद्धार्थ यादव, श्याम जी गुप्ता, जितेश रघुवंशी, शनीश सिंह, प्रदीप सिंह, संकठा सिंह, शिवेश्वर सिंह, प्रेमेन्द्र सिंह, देवेन्द्र प्रताप सिंह, भूपेंद्र दुबे, श्यामा चरण पाण्डेय, अरविन्द कुमार सिंह, राकेश सिंह, तारकेश्वर नाथ पाण्डेय, अरुण पाण्डेय, राधेश्याम गुप्ता आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।