Varanasi: इस बार भैया दूज का त्योहार वाराणसी में खास रौनक के साथ मनाने की तैयारी है। शहर के विभिन्न बाजारों में इस पर्व के लिए विशेष खरीदारी हो रही है, जिसमें महिलाएं दूर-दूर से पहुंचकर भैया दूज के अनुष्ठान के लिए जरूरी सामान खरीद रही हैं। लाई, चूड़ा, गट्टा, मिठाई, चना और मिट्टी के बर्तन जैसे वस्त्रों की खरीदारी बाजार में पूरी तेजी से हो रही है।
दीपावली के साथ-साथ भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित इस पर्व ने बाजार में अतिरिक्त रौनक ला दी है। वाराणसी के प्रमुख बाजारों जैसे लंका, गोदौलिया, गिरजाघर, नई सड़क, मैदागिन और विशेश्वरगंज में मिठाई और गिफ्ट पैक्स की दुकानों पर रंग-बिरंगे उपहार सजे हुए हैं। इन उपहार पैक की कीमतें 200 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक हैं, जिनमें ड्राईफ्रूट, चॉकलेट, मिठाई और शीतल पेय जैसे आकर्षक आइटम शामिल हैं।
पंच दिवसीय दीपोत्सव के तीसरे दिन भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा और इसके लिए लोगों ने अभी से ही खरीदारी शुरू कर दी है। किराना, फूल-बताशे, खिलौने, मिठाई और पटाखों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ देखी जा सकती है। दीपावली के ठीक एक दिन पहले, हर दुकान पर ग्राहकों की लंबी कतारें लगी हुई थीं, जिससे यह साफ है कि लोग त्योहार को भव्यता के साथ मनाने की तैयारी में हैं।
Varanasi: इस साल भैया दूज के प्रमुख सामान के रेट
- लाई: 50 से 60 रुपये प्रति किलो
- चना: 100 से 150 रुपये प्रति किलो
- गट्टा: 100 से 120 रुपये प्रति किलो
- मिठाई: 500 से 2000 रुपये प्रति किलो
भैया दूज के इस खास मौके पर भाई अपनी बहनों को उपहार और मिठाई देकर उनकी खुशहाली और दीर्घायु की कामना करते हैं। वहीं, बहनें अपने भाइयों के लिए सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की दुआएं करती हैं। त्योहार के लिए मिठाई की दुकानों को विशेष रूप से सजाया गया है और कई तरह की स्वादिष्ट मिठाइयां उपलब्ध कराई गई हैं जो भैया दूज के लिए खासतौर पर तैयार की गई हैं।
इस बार काजू कतली और ड्राईफ्रूट्स से बनी मिठाइयों का क्रेज लोगों में विशेष रूप से देखा जा रहा है। लंबे समय तक चलने वाली मिठाइयों की मांग बढ़ गई है ताकि इन्हें त्योहार के बाद भी संरक्षित रखा जा सके। इस साल चॉकलेट की बिक्री में कमी देखने को मिली है, जबकि काजू कतली ने लोगों का दिल जीत लिया है।
स्थानीय मिठाई निर्माताओं ने अपनी रचनात्मकता से इस भैया दूज को और भी खास बना दिया है, जहां लोग अपने प्रियजनों के लिए खास स्वाद और विविधताओं वाली मिठाइयों का आनंद लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। भैया दूज का यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्तों को मजबूत करता है बल्कि स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों के लिए भी इसने एक सकारात्मक आर्थिक प्रभाव पैदा किया है।