Varanasi: नगर निगम वाराणसी ने गृहकर बकायेदारों के खिलाफ अपनी कमर कस ली है और इस बार निशाने पर आए हैं सरकारी विभाग। गुरुवार को नगर निगम की टीम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय और सांस्कृतिक संकुल के मुख्य द्वारों पर ताला जड़ दिया, जिससे शहर के सरकारी महकमों में खलबली मच गई।
सुबह 10 बजे संयुक्त नगर आयुक्त जितेंद्र कुमार आनंद और कर निर्धारण अधिकारी अनुपम त्रिपाठी के नेतृत्व में नगर निगम की टीम बीएसए ऑफिस पहुंची। बिना किसी देरी के मुख्य गेट पर ताला ठोक दिया गया। वजह? 6 लाख 73 हजार रुपये का बकाया गृहकर, जिसके लिए पहले कई बार नोटिस भेजे जा चुके थे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। तालाबंदी के बाद बीएसए ऑफिस के कर्मचारी गेट के बाहर मेज-कुर्सियां लगाकर काम करने को मजबूर हो गए। विरोध की आवाजें भी उठीं, मगर नगर निगम के अधिकारियों ने किसी की एक न सुनी।

Varanasi: सांस्कृतिक संकुल भी नहीं बचा
बीएसए ऑफिस के बाद नगर निगम (varanasi) की टीम ने आधे घंटे के भीतर सांस्कृतिक संकुल पर भी अपनी कार्रवाई की छाप छोड़ी। यहां 57 हजार रुपये का गृहकर बकाया था। नोटिस और रिमाइंडर के बावजूद भुगतान न होने पर ताला लगाना ही आखिरी रास्ता बचा। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यह सिलसिला यहीं नहीं थमेगा। बड़े बकायेदारों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा, चाहे वे सरकारी संस्थान हों या निजी। उन्होंने कहा, “जिन्होंने अभी तक गृहकर जमा नहीं किया, वे जल्द से जल्द भुगतान करें, वरना सख्त कार्रवाई तय है।”
शहर में मचा हड़कंप
नगर निगम (varanasi) के इस ताबड़तोड़ एक्शन ने न सिर्फ सरकारी दफ्तरों, बल्कि शहर के अन्य बकायेदारों के बीच भी दहशत पैदा कर दी है। ताले लगने की गूंज अब दूर तक सुनाई दे रही है, और हर कोई सोच में पड़ गया है कि अगला नंबर उनका तो नहीं! यह कार्रवाई न केवल नगर निगम की सख्ती को दर्शाती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि अब बकाया चुकाने में देरी की गुंजाइश नहीं बची। क्या यह अभियान शहर को गृहकर के मामले में अनुशासित कर पाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा।
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