Varanasi News: झारखंड में पुलिस मुठभेड़ के दौरान घायल हुए एक कुख्यात नक्सली को वाराणसी के साईं मेडिसिटी हॉस्पिटल में नाम बदलकर इलाज कराते हुए पकड़ा गया। घायल नक्सली फिलहाल पुलिस अभिरक्षा में आईसीयू में भर्ती है, जबकि अस्पताल प्रशासन की ओर से पुलिस को सूचना न देने के मामले में लंका थाना पुलिस ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल के अनुसार, 17 मई को झारखंड के पलामू जिले के मनातू थाना क्षेत्र स्थित बंसकटिया जंगल में टीएसपीसी नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें सब-जोनल कमांडर मिथिलेश कुमार यादव उर्फ अखिलेश उर्फ बुट्टन उर्फ गौतमजी यादव गोली लगने से घायल हो गया था। वह झारखंड के बरडीहा थाना क्षेत्र के सलगा गांव का रहने वाला है।
Varanasi News: फर्जी नाम से हुआ अस्पताल में भर्ती
बताया गया कि घायल मिथिलेश अपने भतीजे आकाश यादव की मदद से वाराणसी आया और नरिया स्थित साईं मेडिसिटी हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। उसने अपनी पहचान छिपाई और फर्जी नाम से इलाज शुरू कराया। सूचना मिलते ही लंका थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्र पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
अस्पताल (Varanasi News) के डॉ. विवेकानंद राय ने पुलिस को बताया कि नक्सली के पेट में गोली लगने के कारण अंदर रक्त जमा हो गया था। ऑपरेशन कर उसे निकालने के बाद उसे आईसीयू में रखा गया है।
डीसीपी गौरव बंसवाल ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि गोली लगने जैसी स्थिति में पुलिस (Varanasi News) को तत्काल सूचना देना आवश्यक था, जो नहीं दी गई। इस आधार पर साईं मेडिसिटी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र भेजा गया है।
उधर, झारखंड पुलिस ने पुष्टि की है कि पकड़ा गया व्यक्ति अखिलेश यादव उर्फ गौतम यादव है, जो टीएसपीसी संगठन का सक्रिय सदस्य और वांछित नक्सली है। झारखंड से आई पुलिस टीम ने उसे पहचानते हुए वाराणसी में निगरानी शुरू की है।