- बनारसी संगीत, खान-पान और बनारसी अंदाज पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण
वाराणसी। काशी में गंगा किनारे रेत पर तम्बुओं का शहर बन रहा है। तम्बुओं का शहर नहीं समझे? टेंट सिटी (Tent City), जिसकी चर्चा काशी समेत समूचे उत्तर प्रदेश में हो रही है। आध्यात्म के शहर काशी में गंगा किनारे सज रहे तंबुओं के शहर में बहुत कुछ खास होने वाला है। टेंट सिटी की चर्चा शहर में आम हो गई है। गली के नुक्कड़, चौराहों, चाय की अड़ियों पर बस टेंट सिटी (Tent City) की ही चर्चा हो रही है। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को करने वाले हैं। आइये जानते हैं इस टेंट सिटी में क्या है खास-
बनारसी स्वाद का मिलेगा आनंद
टेंट सिटी में सैलानियों को एक अद्भुत अनुभूति मिलेगी। गंगा किनारे सज रहे टेंट सिटी में सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक में बनारसी स्वाद का आनंद मिलेगा। सुबह से शाम यहां बनारस घराने के संगीत की गंगा ही बहती रहेगी। जिसे सुनकर टेंट सिटी में अपना समय बिताने वाले पर्यटक आनंद प्राप्त करेंगे।

मांस व मंदिरा प्रतिबंधित
धर्म एवं आध्यात्म की नगरी काशी में भले ही मांस मंदिर प्रतिबंधित न हो, लेकिन तंबुओं के शहर में यह पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। काशी के अर्धचंद्राकार घाटों के सामने रेत पर बने टेंट सिटी में पर्यटकों को काशी की हस्तशिल्प कला भी खूब लुभाएगी।
पर्यटकों के आने का सिलसिला शुरू
टेंट सिटी की चर्चा भी सैलानियों तक पहुँच चुकी है, हर रोज काफी संख्या में लोग देखने के लिए आ भी रहे हैं, लेकिन अभी ठहराव के लिए कुछ घंटे का इंतजार करना होगा।
सुविधा, सुरक्षा और ध्यान केंद्र
टेंट सिटी के बारें में वीडीए के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल के अनुसार, टेंट सिटी का काम अंतिम चरण में है। अब कंपनियां फाइनल टच दे रही हैं। टेंट सिटी में पर्यटकों की सहूलियत, सुविधा और सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। यहां योग व ध्यान केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है। एक समय में कम से कम तीन सौ पर्यटक योग और ध्यान कर सकेंगे। तंबुओं का शहर धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के संगम के रूप में दिखेगा। सूर्य उदय के साथ यहां घंट घड़ियालों की आवाज के साथ ही गंगा आरती होगी।

शहनाई, सारंगी, सितार, संतूर की धुन और तबले की थाप होगा आसपास
गंगा के रेती पर बन रहे टेंट सिटी का माहौल ऐसा होगा कि आपकी पांचों इंद्रियां महसूस कर सकेंगी। सुबह जैसे ही आप टेंट से निकलगें सूर्य उदय, मां गंगा और अर्धचंद्राकार घाटों का नजारा और गंगा आरती के दर्शन होंगे। सुबह की शुरुआत लाइव राग के साथ होगी। बनारस घराने के लगभग सभी वाद्य यंत्रों की मधुर धुन पर्यटक सुन सकेंगे। इसमें खास तौर पर शहनाई, सारंगी, सितार, संतूर की धुन और तबले की थाप सुनने को मिलेगी।
बनारसी खान-पान पर विशेष ध्यान
टेंट सिटी में प्रदेश के जीआई और ओडीओपी उत्पादों समेत अन्य हस्तशिल्प उत्पादों को भी एक नया बाजार मिलेगा। वहीं खाने के शौकीन हैं तो बनारसी मलइयो, ठंडई, चाट, और बनारसी पान टेंट सिटी में आपको परोसा जाएगा। नेचुरल चीजों से बनी टेंट सिटी की फील किसी लग्जरी होटल से कम नहीं होगी।

सुरक्षा का खास ध्यान
टेंट सिटी में आपके सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। पर्यटको का ध्यान रखने के लिए 24 घंटे यह पर्यटक चौकी में पुलिस मौजूद रहेगी। इस नवगठित पर्यटक चौकी का कार्य क्षेत्र मैदागिन से दशाश्वमेध घाट तक होगा।
क्लब हाउस और बच्चों का खास इंतजाम
अस्सी घाट के सामने टेंट सिटी में आपके साथ आने वाले बच्चों के मनोरंजन का भी खास इंतजाम किया जा रहा है। यह टेंट सिटी 600 टेंट को तीन क्लस्टर में विकसित हो रहा है। 10 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में पर्यटकों को गंगा पार रेती पर शहरी सुविधाओं के साथ ही क्लब हाउस तैयार किया गया है। यहां होने वाला बोन फायर पेंगोंग लेक पर होने वाले आयोजनों की याद ताजा कराएगा। टेंट में ब्लोअर भी लगाए गए हैं।

बनारसी अंदाज में ढोल बजाकर होगा वेलकम
एक आयोजन कर्ता के अनुसार टेंट सिटी में मेहमानों के स्वागत का खास इंतजाम किया गया है। टेंट सिटी पहुंचने वाले सैलानियों की आगवानी में बनारसी अंदाज में ढोल बजेगा। मंगलाचरण के साथ पर्यटकों की आरती उतारी जाएगी, फिर तिलक लगाकर उनका स्वागत होगा। पुष्पवर्षा कर उन्हें विदा किया जाएगा।
वोटिंग और गंगा आरती
टेंट सिटी में मेहमानों के लिए विशेष नावों का भी इंतजाम किया गया है। मेहमानों को काशी विश्वनाथ धाम और गंगा आरती के लिए इन्हीं नावों से ले जाया जाएगा। ठंड का एहसास न हो इसके लिए बोन फायर का इंतजाम होगा।
