हिन्दू धर्म के अनुसार माथे पर तिलक लगाने की परंपरा शुरू से ही है। इसे हर धार्मिक कार्य या शुभ अवसर पर लगाया जाता है। यह तिलक कुमकुम, चंदन, भस्म, हल्दी इत्यादि कई तरह का होता है जिसे हम अपने माथे के बीच में लगाते हैं किंतु क्या आप जानते हैं कि तिलक लगाने का महत्व क्या हैं या तिलक लगाने के फायदे क्या हैं!!
कई लोगों के मन में यह प्रश्न होगा कि क्या तिलक केवल धार्मिक कार्य के लिए ही लगाया जाता हैं या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य या स्वास्थ्य लाभ भी हैं। आज हम आपको इसी विषय के बारे में विस्तार से बताएँगे ताकि आप तिलक लगाने के पीछे के गूढ़ को समझ सके। आइये जानते हैं।
तिलक लगाने का महत्व
तिलक क्यों लगाते हैं?
माथे पर तिलक लगाने को धार्मिक रूप से इतना महत्व इसलिए दिया गया हैं क्योंकि यह हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण बिंदु पर लगाया जाता है, जिसे आज्ञाचक्र के नाम से जाना जाता है। आज्ञाचक्र के सही रहने से हमारा संपूर्ण शरीर ना केवल स्वस्थ रहता है अपितु बुद्धि का भी विकास होता है।
इसलिए हम देखते हैं कि चाहे कोई भी धार्मिक कार्य हो, उत्सव हो, शुभ कार्य के लिए जाना हो या किसी का स्वागत करना हो, सभी अवसर पर सबसे पहले तिलक लगाने की ही परंपरा रही है। तिलक लगाने के अन्य लाभ हम नीचे विस्तार से जानेंगे।
तिलक लगाने का तरीका
तिलक को माथे पर दोनों भौहों के बीच नाक से ऊपर लगा जाता है। इसे लगाने के लिए सामान्यतया अनामिका ऊँगली का उपयोग किया जाता हैं। वैसे तो विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग ऊँगली से तिलक लगाने का प्रावधान हैं लेकिन मुख्यतया अनामिका ऊँगली या अंगूठे से ही तिलक लगाने का प्रचलन है।
तिलक लगाने के फायदे
तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व
हमारे संपूर्ण शरीर में सात सूक्ष्म ऊर्जा के केंद्र विद्यमान होते हैं जिसमे एक सबसे महत्वपूर्ण केंद्र होता है आज्ञाचक्र। यह आज्ञाचक्र हमारे मस्तिष्क के एक दम बीच में स्थित होता है। इसी बिंदु पर हमारे शरीर की तीन नाड़ियाँ इड़ा, पिंगला व सुषुम्ना आकर मिलती हैं जिस कारण इसे त्रिवेणी या संगम भी कहा जाता है। इसी आज्ञाचक्र में हमारे मस्तिष्क की पीनियल ग्रंथि भी विद्यमान होती है।
इसी चक्र से हमारे पूरे शरीर का संचालन होता है इसलिए इसे गुरुचक्र भी कहा जाता है। हम चाहे सो रहे हो या जाग रहे हो, यह चक्र हमेशा कार्य करता रहता है। प्रतिदिन इस चक्र पर तिलक लगाने से हमारे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और बुद्धि का विकास होता है।
तिलक लगाने का मानसिक महत्व
हमारे मस्तिष्क में सेराटोनिन व बीटाएंडारफिन नामक रसायनों का स्राव होता हैं। तिलक लगाने से इन रसायनों की मात्रा को संतुलित करने में सहायता मिलती हैं। साथ ही इससे मस्तिष्क के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव पड़ता हैं जिसका हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं।
तिलक लगाने से मनुष्य के आत्म-विश्वास में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती हैं। इससे मन शांत रहता है व किसी भी प्रकार की उदासीनता मन से दूर होती है। मस्तिष्क के मध्य में तिलक लगाने से हमारे अंदर सकारात्मकता का संचार होता है, ऊर्जा बनी रहती है, तनाव कम होता है व चेहरे पर तेज आता है।
तिलक लगाने का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रतिदिन तिलक लगाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। हिंदू धर्म में तिलक को केवल माथे पर ही नही अपितु शरीर के कई अन्य स्थानों पर भी लगाने को कहा जाता हैं जैसे कि कंठ, हाथों की भुजाएं, नाभि इत्यादि। इसके साथ ही तिलक लगाने के प्रकार भी अलग-अलग होते हैं।
तिलक लगाने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है। जो प्रतिदिन तिलक लगाते हैं उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है और वे जल्दी रास्ता नही भटकते। तिलक शुभ काम का संकेतक भी माना जाता है। इसलिए किसी भी धार्मिक अवसर पर सर्वप्रथम तिलक ही लगाया जाता है।
तिलक लगाने का ज्योतिषीय महत्व
तिलक लगाने से ज्योतिषीय लाभ भी मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तिलक लगाने से व्यक्ति के ग्रह दोष की समस्या का समाधान होता है। इसके साथ ही उसके जीवन में जो संकट चल रहे हैं वह भी सही हो जाते है। समाज में मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में वृद्धि देखने को मिलती है।
सिरदर्द का ना होना
जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि तिलक लगाने से हमारे मस्तिष्क के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव पड़ता है। इनसे तनाव में कमी आती है और साथ के साथ सिर दर्द की समस्या भी जल्दी से नही होती है। इसलिए तिलक लगाने से सिर दर्द की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
Anupama Dubey