Ram Navami: राम नवमी के महापर्व की धूम इस वक़्त पुरे देश में देखने को मिल रही है। भगवान श्री रामलला के जन्मोत्सव को मानाने के लिए सभी लोगों में बेहद हर्षोल्लास नजर आ रहा है। कहीं धवजा यात्रा तो कहीं पूजा-पाठ व हवं किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम बताते हैं वाराणसी के एक ऐसे अद्भुत दृश्य के बारे में, जहां कलश यात्रा के माध्यम से भक्ति, संस्कृति और एकता की अद्दभुत मिसाल पेश की गई।


महिलाओं के सिर पर राम और जानकी की प्रतिमा व कलश, हाथों में गदा और राम ध्वजा के साथ जब श्रीराम आश्रम से श्रीराम संस्कृति कलश यात्रा निकली तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रीराम आश्रम से निकली श्रीराम संस्कृति कलश यात्रा ने पूरे वातावरण को राममय बना दिया।

Ram Navami: रामध्वजा के साथ गूंजा जय श्रीराम का जयकारा
श्रद्धा से ओतप्रोत यह दृश्य देखते ही बन रहा था। रामपंथ की ओर से दलित परिवार और आदिवासी परिवार की ओर से निकली इस कलश यात्रा की यह खास विशेषता रही कि इसका नेतृत्व रामभक्त हनुमान चालीसा फेम नाज़नीन अंसारी ने किया।


रामध्वजा के साथ जय श्रीराम का जयकारा गूंज रहा था। मुंशी प्रेमचन्द का गांव लमही को गोठने यानी परिक्रमा की परम्परा को निभाते हुए यात्रा के माध्यम से गांव के चारों ओर राम (Ram Navami) नाम की लकीर खींची गई ताकि गांव को बुरी नजर से बचाया जा सके। घर-घर राम की पूजा को अनिवार्य बनाने की पहल की गई।


इस अवसर (Ram Navami) पर रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि रामपंथ रामपरिवार भक्ति आन्दोलन चला रहा है। हर घर में भगवान श्रीराम के परिवार की पूजा होने लगेगी तो श्रीराम के महान आदर्शों को घर-घर में स्थापित किया जा सकेगा। इससे परिवार बचेगा।
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