वाराणसी। WWE (वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट) में अपनी शक्ति और प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे रिंकू सिंह ने शुक्रवार को काशी के प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की, जिसमें भारी संख्या में भक्त और फैंस शामिल हुए। उनकी एक झलक पाने के लिए मंदिर में भीड़ उमड़ पड़ी, और हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे।
रिंकू सिंह, जो भारतीय परंपराओं और संस्कृति से गहरा संबंध रखते हैं, ने अंतरराष्ट्रीय रेसलिंग मंच पर भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया है। उनकी लोकप्रियता विशेषकर भारत में अत्यधिक है, जहां युवा उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। WWE में उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है, खासकर भारतीय तिलक और पारंपरिक पोशाक के साथ रिंग में प्रवेश करने की उनकी अनूठी शैली ने उन्हें खास पहचान दिलाई है। जॉन सीना और द ग्रेट खली जैसे दिग्गजों के साथ उनका मुकाबला हो चुका है, जो उनके अनुभव और काबिलियत को दर्शाता है।
संघर्षों से सफलता तक का सफर
रिंकू सिंह का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। भदोही जिले के होलपुर गांव के रहने वाले रिंकू के पिता, ब्रह्मदीन सिंह, ट्रक ड्राइवर थे और उन्होंने कड़ी मेहनत से अपने चार बच्चों का पालन-पोषण किया। बचपन में रिंकू ने जैवलिन थ्रो और क्रिकेट खेला, और फिर लखनऊ के गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने भाला फेंक में जूनियर नेशनल में पदक जीता। 2008 में राष्ट्रीय स्तर पर जैवलिन प्रतियोगिता में विजेता बने।
WWE में 2018 में रखा था कदम
रिंकू ने 2018 में WWE में कदम रखा, जब उन्होंने दुबई में सौरभ गुर्जर के साथ मिलकर ‘इंडस शेर’ नामक टीम बनाई। दोनों ने WWE NXT में हिस्सा लिया। हालांकि, 2021 में रिंकू ने टीम से अलग होकर WWE Raw में स्वतंत्र रेसलर के रूप में अपनी पहचान बनाई। अब वे ‘वीर महान’ के नाम से प्रसिद्ध हैं और WWE में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Highlights
रिंकू सिंह की कहानी संघर्ष, समर्पण और आत्मविश्वास का उदाहरण है। अपने कठिन सफर और मेहनत के बल पर उन्होंने WWE के रिंग में भारत का नाम ऊंचा किया है, और उनकी यह यात्रा अनगिनत युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।