Year Ender 2024: जैसे ही 2024 समाप्ति की ओर है और 2025 का आगमन निकट है, यह सही समय है कि बीते साल की कुछ प्रमुख राजनीतिक घटनाओं पर एक नजर डाली जाए। 2024 भारतीय राजनीति में बेहद अहम साल साबित हुआ, जिसने देश के राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा दी। लोकसभा चुनाव से लेकर विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों तक, कई ऐसी घटनाएं हुईं जिन्होंने सियासी गलियारों में हलचल मचाई। यहां हम 2024 में भारत में घटित 10 प्रमुख राजनीतिक घटनाओं का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. लोकसभा चुनाव 2024: ऐतिहासिक लेकिन अप्रत्याशित परिणाम
2024 के आम चुनाव, जो 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में संपन्न हुए, वर्ष की सबसे चर्चित राजनीतिक घटना रही। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को भारी बहुमत का भरोसा था, लेकिन वे ‘अबकी बार, 400 पार’ के नारे को पूरा करने में विफल रहे। हालांकि, एनडीए ने सत्ता बनाए रखी और नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। दूसरी ओर, कांग्रेस ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए 52 से 99 सीटें जीतीं, लेकिन विपक्षी INDIA गठबंधन को विशेष सफलता नहीं मिली।
2. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महायुति की जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ने राजनीति विशेषज्ञों को चौंका दिया। लोकसभा में कमजोर प्रदर्शन के बाद भी भाजपा ने महायुति गठबंधन के तहत 132 सीटें जीतीं। एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें हासिल कीं। दूसरी तरफ, कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा, जिसमें कांग्रेस ने महज 16 सीटें जीतीं। शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को क्रमशः 10 और 20 सीटें मिलीं।
3. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: विशेष दर्जे के बाद पहला चुनाव
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार 2024 में विधानसभा चुनाव आयोजित हुए। उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने 42 सीटें जीतकर जोरदार वापसी की। भाजपा ने 29 सीटें जीतीं, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी केवल 3 सीटों पर सिमट गई। यह चुनाव इस क्षेत्र में लोकतंत्र की बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना गया।
4. हरियाणा विधानसभा चुनाव: भाजपा की रणनीतिक जीत
हरियाणा में भाजपा ने अपनी सत्ता बरकरार रखी, हालांकि पार्टी के खिलाफ भारी विरोध की संभावना थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जगह नयाब सिंह सैनी को लाना और टिकट वितरण में बदलाव जैसे निर्णय पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हुए। इन कदमों ने मतदाताओं को प्रभावित किया और भाजपा को जीत दिलाई।
5. अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा: दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को अचानक इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उनकी जगह पार्टी की वरिष्ठ नेता अतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया। केजरीवाल ने कहा कि वह तब तक यह पद नहीं लेंगे जब तक उन्हें दिल्ली की जनता से स्पष्ट जनादेश नहीं मिलता। यह कदम दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हुआ।
6. Year Ender 2024: हेमंत सोरेन की जेल और वापसी
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भ्रष्टाचार के आरोप में जनवरी में जेल जाना पड़ा। जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने भाजपा को हराकर दोबारा मुख्यमंत्री का पद संभाला। यह घटना झारखंड की राजनीति में अप्रत्याशित और नाटकीय रही।
7. मणिपुर संकट: जातीय हिंसा का सिलसिला जारी
मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा 2024 में भी जारी रही। राज्य में बार-बार हिंसा की घटनाएं हुईं और सरकार की कोशिशों के बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकी। इस संकट ने राष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया।
8. प्रियंका गांधी का चुनावी पदार्पण
प्रियंका गांधी वाड्रा ने 2024 में वायनाड लोकसभा उपचुनाव से अपने चुनावी करियर की शुरुआत की और 64.99% वोटों के साथ शानदार जीत दर्ज की। यह नेहरू-गांधी परिवार की राजनीति में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा गया।
9. राहुल गांधी की रायबरेली में वापसी
2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। उन्होंने रायबरेली सीट को चुना, जो गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की वापसी के संकेत के रूप में देखा गया।
10. नवीन पटनायक की हार: ओडिशा में भाजपा का उदय
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के लिए 2024 एक बड़े झटके के रूप में आया। भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनावों में 78 सीटें जीतकर पटनायक की बीजेडी को 51 सीटों तक सीमित कर दिया। पटनायक का 24 साल पुराना शासन समाप्त हुआ, और भाजपा ने राज्य में नई सरकार बनाई।
विश्लेषण और निष्कर्ष
2024 भारतीय राजनीति में परिवर्तन और नई दिशा का साल साबित हुआ। लोकसभा चुनावों से लेकर राज्यों के विधानसभा चुनावों तक, विभिन्न घटनाओं ने राजनीति को नई धार दी। भाजपा ने कई राज्यों में अपना प्रभुत्व बरकरार रखा, जबकि कांग्रेस ने भी सुधार के संकेत दिए। क्षेत्रीय दलों के लिए यह साल मिश्रित परिणाम लेकर आया।
Highlights
2024 की घटनाएं आने वाले वर्षों में भारतीय राजनीति की दिशा निर्धारित करेंगी। 2025 का आगमन नए उम्मीदों और चुनौतियों के साथ हो रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।