लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जीवन कौशल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ब्रेकथ्रू, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन और क्वेस्ट एलायंस के साथ मिलकर वॉयस फ्रॉम द ग्राउंड ट्रैक के तहत काम कर रहा है। इसी प्रयास के तहत सोमवार को लखनऊ में एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें 2021-22 में, लाइफ स्किल्स कोलैबोरेटिव द्वारा भारत की 7 भाषाओं में 11 राज्यों के 25,000 से अधिक स्टेकहोल्डर्स पर किए गए सर्वे के रिजल्ट का साँझा किया गया और इसी सर्वे/स्टडी के नतीजों पर गहन विचार विमर्श के लिए इस सेमिनार में विभन्न शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्त्ता के साथ साथ विभन्न सामाजिक संगठनो के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर ब्रेकथ्रू की सीईओ सोहिनी भट्टाचार्य ने कहा, जीवन कौशल शिक्षा व्यक्तिगत विकास और समझ को प्रभावित करती है। गहरे समाजीकरण प्रक्रियाओं और भेदभावपूर्ण लिंग मानदंडों का अर्थ है कि लिंग-विशिष्ट दृष्टिकोण और अपेक्षित व्यवहार पहले ही निर्धारित किए जा चुके हैं। इस तरह के दृष्टिकोण तय करते हैं कि विभिन्न लैंगिकता के लोग कैसे जीवन कौशल का अनुभव करते हैं या जीवन कौशल भी सिखाते हैं। डॉ. देवलीना चटर्जी, सीनियर रिसर्च एसोसिएट, एएसईआर सेंटर, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने बताया कि मुझे एहसास हुआ है कि इनमें से प्रत्येक कौशल काम, घर और समुदाय में कई चुनौतियों से निपटने के लिए कितना महत्वपूर्ण है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैंने महसूस किया है कि इन कौशलों को सीखना एक जीवन भर की यात्रा है। आकाश सेठी, सीईओ, क्वेस्ट एलायंस ने बताया कि यह अनुमान लगाया गया है कि आज स्कूल शुरू करने वाले 65 प्रतिशत बच्चे ऐसी नौकरी करेंगे जो अभी मौजूद नहीं है। इस अवसर पर लाइफ स्किल्स के महत्व को बताते हुए एक नाटक का भी मंचन किया गया।
sudha jaiswal