लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्वभर में अस्थमा से लगभग 33 करोड़ 90 लाख लोग प्रभावित हैं, अनुमान है कि 2025 तक यह संख्या बढ़कर 40 करोड़ हो जाएगी। इसके अलावा, अस्थमा हर साल लगभग 2 लाख 50 हजार मौतों का कारण बनता है। जो इसे एक महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य सरोकार,चिंता बनाता है। अस्थमा की गंभीरता और बढ़ते मामलों के बीच, विश्व अस्थमा दिवस एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है, जो हर साल मई के पहले मंगलवार को अस्थमा और लोगों तथा समाज पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। मंगलवार को अस्थमा के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बोलते हुए, चंदन अस्पताल और न्यू लाइफ चेस्ट एंड फैमिली क्लिनिक, लखनऊ के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख डॉ. ए. के. सिंह कहते हैं, अस्थमा के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता का एक कारण स्थिति की व्यापकता है, विश्वभर में अनुमानित 33 करोड़ 90 लाख लोग अस्थमा के साथ जी रहे हैं। लोगों को अस्थमा के ट्रिगर्स और उनसे कैसे बचा जाए के बारे में शिक्षित करना, जैसे कि धूम्रपान और पर्यावरण प्रदूषकों के संपर्क में से आने से बचना भी महत्वपूर्ण है। और यह जानने के लिए, विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लेने की आवश्यकता है, जो हेल्दी लंग्स पोर्टल (www.thehealthylungs.com) पर उपलब्ध है। यह फेफड़ों से संबंधित बीमारियों पर जानकारियों का एक विश्वसनीय मंच। पोर्टल जागरूकता बढ़ाने, मिथकों को दूर करने, ज्ञान में सुधार करने और मरीजों को उपचार कराने के लिए प्रेरित करने के लिए समर्पित है।
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