महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर किए गए अत्याधुनिक प्रबंधों के बेहतरीन नतीजे सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को जानकारी दी कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में स्थापित डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने अब तक 20,000 से अधिक बिछड़े श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाने में मदद की है। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं।
अत्याधुनिक तकनीक से हुआ तीर्थयात्रियों का पुनर्मिलन
मेला प्राधिकरण के अनुसार, डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में कृत्रिम मेधा (AI) आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी सुविधाएं दी गई हैं। इन अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से श्रद्धालुओं को तेजी से ट्रेस कर उनके परिवारों से मिलवाया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ यूनिसेफ और कई स्वयंसेवी संगठनों ने भी इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इन केंद्रों में प्रतीक्षा कक्ष, चिकित्सा सुविधाएं, शौचालय और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गई हैं, ताकि खोए हुए श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
महाकुंभ: प्रमुख स्नान पर्वों पर भीड़ प्रबंधन में डिजिटल केंद्रों की अहम भूमिका
महाकुंभ मेले में विभिन्न स्नान पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने अमृत स्नान पर्व, मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के दौरान हजारों लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद की।
- मौनी अमावस्या स्नान (28-30 जनवरी): 8,725 श्रद्धालु अपने परिजनों से बिछड़ गए थे, जिन्हें इन केंद्रों की मदद से सुरक्षित मिलवाया गया।
- मकर संक्रांति (13-15 जनवरी): 598 बिछड़े लोगों को उनके परिवारों से मिलाया गया।
- बसंत पंचमी (2-4 फरवरी): 813 श्रद्धालु अपने परिजनों से मिल पाए।
- अन्य स्नान पर्वों और सामान्य दिनों में: 10,000 से अधिक श्रद्धालु डिजिटल केंद्रों के माध्यम से अपने परिवारों तक पहुंचे।
10 स्थानों पर खोले गए डिजिटल खोया-पाया केंद्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 दिसंबर 2024 को इन डिजिटल केंद्रों की शुरुआत की थी। मेला क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो निम्नलिखित स्थानों पर कार्यरत हैं:
- संगम
- झूसी
- अरैल
- फाफामऊ
- सेक्टर- 3, 4, 5, 8, 9, 21, 23, 24
- प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन
सरकार और संगठनों के सहयोग से संभव हुआ यह अभियान
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और स्वयंसेवी संगठनों ने डिजिटल खोया-पाया केंद्रों के संचालन में अहम भूमिका निभाई।
यूनिसेफ सहित कई गैर-सरकारी संगठनों ने भी इस पहल में योगदान दिया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि बिछड़े हुए तीर्थयात्रियों को तेजी से उनके परिवारों तक पहुंचाया जाए।