varanasi: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान संकाय के पूर्व डीन एवं प्रखर चिंतक प्रो. कौशल किशोर मिश्र की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर आज सामाजिक विज्ञान संकाय एवं अनिल कुमार मिश्र ‘झुन्ना’ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष श्रद्धांजलि समारोह और विचार-सत्र का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में काशी के महापौर श्री अशोक तिवारी ने कहा कि —“प्रो. कौशल किशोर मिश्र बनारस की आत्मा और एकात्म मानववाद के जीवंत प्रतीक थे। वे केवल राजनीति शास्त्र के आचार्य नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और नैतिकता के संवाहक थे।
उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र “दयालु” ने प्रो. कौशल किशोर मिश्र को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि —कौशल जी का जीवन सरलता, सहजता और सच्ची बनारसी आत्मा का प्रतीक था। वे विद्वान होते हुए भी कभी अहंकार के स्पर्श तक से दूर रहे। उनके व्यक्तित्व में गंभीरता और सहजता का अद्भुत संतुलन था। वे जहाँ भी रहते, वहाँ आत्मीयता और मुस्कान का वातावरण बना देते थे।(varanasi) उनका जीवन यह सिखाता है कि विद्या तभी सार्थक है जब वह विनम्रता और सेवा के साथ जुड़ी हो।

दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण, विश्वविद्यालय कुलगीत के गायन और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।(varanasi)आयोजन की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. अशोक कुमार उपाध्याय ने प्रो. कौशल किशोर मिश्र को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया और उनकी शैक्षणिक एवं वैचारिक कृतियों का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया।
कार्यक्रम में परिवारजनों, सहकर्मियों, विद्यार्थियों, और शुभचिंतकों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर प्रो. मिश्र के बहुआयामी व्यक्तित्व, उनके अकादमिक योगदान और एक प्रेरक शिक्षक के रूप में उनकी भूमिका को स्मरण करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण “प्रो. कौशल किशोर मिश्र के चिंतन की दृष्टि से भारतीय ज्ञान-परंपरा” विषय पर आयोजित विशेष चर्चा-सत्र रहा। इस सत्र में मुख्य वक्ता प्रो. संजीव कुमार शर्मा (पूर्व कुलपति) ने प्रो. मिश्र के वैचारिक अवदान, भारतीय चिंतन की उनकी दृष्टि और सामाजिक विज्ञान में भारतीय परंपरा के पुनर्स्थापन हेतु उनके प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर ‘कौशल स्मारिका’ का विमोचन किया गया, जिसमें प्रो. मिश्र के जीवन, चिंतन और कार्यों पर आधारित लेखों का संकलन प्रकाशित किया गया है।(varanasi) साथ ही, प्रो. कौशल किशोर मिश्र द्वारा लिखित ‘प्राचीन भारतीय राजनैतिक चिंतन का इतिहास’ को प्रो. अनूप कुमार मिश्र ने नए संपादित रूप में पुनर्प्रकाशित कियाजिसका औपचारिक लोकार्पण इस अवसर पर हुआ। इसके साथ ही प्रो. अनूप कुमार मिश्र की नवीन पुस्तक ‘संस्कृति और स्वदेशी अर्थनीति: आत्मनिर्भर भारत के भविष्य की पूंजी’ का भी विमोचन किया गया।
अध्यक्ष डाॅ भारती मिश्रा ने दिया स्वागत भाषण
कार्यक्रम में स्वागत भाषण भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्री अशोक पांडेय एवं झुन्ना फाउंडेशन की अध्यक्ष डाॅ भारती मिश्रा ने दिया, जिन्होंने प्रो. कौशल किशोर मिश्र के जीवन और योगदान को श्रद्धा के साथ स्मरण किया।(varanasi) आभार प्रदर्शन का कार्य भाजपा नेता और डिजिटल चाय की अड़ी के संयोजक श्री अरविंद मिश्र ने किया, जिन्होंने सभी अतिथियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और सहयोगियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
कार्यक्रम में प्रो अरुण कुमार श्रीवास्तव, भाजपा प्रवक्ता अशोक पांडेय, भारत सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. भाजपा नेत्री मीना चौबे, बीएचयू की कार्यपरिषद सदस्य प्रो. श्वेता प्रसाद, कार्यपरिषद सदस्य प्रो. ओमप्रकाश पांडेय , श्रीमती निर्मला पटेल, आनंद प्रभा सिंह, डाॅ माधुरी पांडेय, प्रौ पूर्णिमा अवस्थी, प्रो संगीता पंडित, डाॅ सुधासहित अनेक प्रतिष्ठित विद्वान एवं सामाजिक हस्तियाँ उपस्थित थीं(varanasi)सभी अतिथियों ने प्रो. मिश्र के जीवन, उनके विचारों और अकादमिक यात्रा से जुड़े अपने संस्मरण साझा किए।