संभावित प्रत्याशियों की सूची बनाने में जुटे पार्टी के दिग्गज
वाराणसी। निकाय चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वेसे चुनाव की सरगर्मी भी तेज होती जा रही है। इस बार के चुनाव में सभी दलों की निगाह महापौर की सीट पर लगी हैं। जिसपर आरक्षण आने के बाद ही पूरी तरह पर्दा साफ हो पाएगा। लेकिन जानकारी के अनुसार इस बार की महापौर सीट सामान्य पुरुष होने की संभावना ज्यादा प्रबल बताई जा रही है। जिसके लिए तमाम दलों के दिग्गज संभावित प्रत्याशियों की सूची तैयार करने में जुट गए हैं।
नगर निगम के सीमा विस्तार होने के पश्चात इस बार महापौर की रेस में कौन बाजी मार पाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बता सकता है। वहीं निकाय चुनाव की बात करें तो बनारस में नगर महापलिका के बाद वर्ष 1995 में हुए वाराणसी नगर निगम महापौर के सीधे चुनाव में आरक्षण की स्थिति पिछड़ा महिला से प्रारंभ हुई। जो वर्ष 2000 में पिछड़ा पुरुष, वर्ष 2006 में पिछड़ा पुरुष और वर्ष 2012 में सामान्य पुरुष रही। जबकि बीते वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में फिर से पिछड़ा महिला सीट हो गई। जिसपर जानकारों का मानना है कि महापौर पद के लिए इस बार के आरक्षण की स्थिति साफ तौर पर सामान्य पुरुष सीट की ओर इशारा कर रही है। क्योंकि बीते दो दशकों के चुनावों में मात्र एक बार ही महापौर की सीट सामान्य पुरुष के लिए आरक्षित की गई थी। जबकि कुछ जानकारी की राय मानें तो उनका मामना है कि इस बार सामान्य महिला सीट पर आरक्षण तय होगा। बैरहाल इसका सटीक प्रमाण अब आरक्षण सूची जारी हाने पर ही मिल सकता है।
चौक चौराहों पर मानिंदों की हो रही चर्चा
शहर के चौक चौराहों पर महापौर पद के लिए मानिंदों की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। चाय की अड़ियों और मुहल्ले के पान की दुकानों पर महापौर की सीट के लिए अटकलें लगाई जा रही हैं। जिसपर राजनीतिक दलों के संभावित उम्मीदवारों को लोग देख रहे हैं। वहीं परिसीमन में दस सीटें बढ़ने पर लोगों द्वारा परिणाम पर भी आंकलन लगाया जा रहा है।
इसी सप्ताह अंतिम सूची हो सकती है जारी
निकाय चुनाव के लिए अंतिम परिसीमन जारी किया जा चुका है। लेकिन अभी तक सीटों के आरक्षण से पर्दा नहीं हट पाया है। जानकारी के अनुसार सीटों पर आरक्षण की अनंतिम सूची इसी सप्ताह जारी हो सकता है। दरअसल निकाय चुनाव में देरी होने की वजह से राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बीते सोमवार को नगर विकास प्रमुख सचिव को तलब किया था।जिसके बाद इसी सप्ताह आरक्षण होने की संभावना जताई जा रही है।
कब से कब तक कौन रहे महापौर
महापौर कार्यकाल
1- सरोज सिंह 1995 से 2000
2- अमरनाथ यादव 2000 से 2006
3- कौशलेंद्र सिंह 2006 से 2012
4- राम गोपाल मोहले 2012 से 2017
5- मृदुला जायसवाल 2017 से वर्तमान