Artificial Insemination: वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस को IVF सेंटर में गरीब महिलाओं व नाबालिग़ लड़कियों के कृत्रिम गर्भाधान व एग डोनेशन कराने वाले गिरोह को पकड़ने में बड़ी सफलता मिली है। महिला थाने की पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिसमें दो पुरुष व दो महिलाएं शामिल हैं। ये सभी नाबालिग व आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को लालच देकर उनका एग नि:संतान दंपतियों को मोटी रकम पर उपलब्ध कराते थे।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान अनमोल जायसवाल पुत्र पारस जायसवाल (29)नि०औडी मोड अनपरा, अनीता देवी (34)पत्नी रमेश सिंह नि० खोजवा, सीमा देवी (30)पत्नी आशीष कुमार निवासिनी नक्खी घाट नवापुरा व आशीष कुमार (35)पुत्र स्व० मल्लू निवासी नक्खीघाट के रुप में की गयी।
दरअसल, कमिश्नरेट के महिला थाना में इस तरह के काले कारनामों [Artificial Insemination] की ढेरों शिकायतें आ रही थी। जिसके बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए डीसीपी काशी जोन रामसेवक गौतम, के नेतृत्व में एसीपी कोतवाली अमित पाण्डेय व महिला थाने की टीम ने शहर के एक नामचीन IVF सेंटर में छापेमारी की। जिसमें चार लोग गिरफ्तार हुए। पुलिस इन सभी को गिरफ्तार कर थाने ले आई। जहां इनसे पूछताछ के बाद अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

Artificial Insemination: एग डोनेशन के बदले मोटी रकम
पुलिस की जांच में जो तथ्य सामने आए, वह चौकाने वाले हैं। पुलिस की जांच से पता चला कि ये सभी सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं व नाबालिक लड़कियों को धन का प्रलोभन देकर उनका एग धनाढ्य नि:संतान दंपतियों को डोनेट कराते थे। इसके बदले [Artificial Insemination] में उनसे मोटी रकम वसूलते थे। IVF सेंटर में इन सभी किशोरियों का कृत्रिम गर्भाधान कराया जाता था। इसके लिए ये सभी उन नाबालिग लड़कियों का फर्जी डॉक्यूमेंट भी बनवाते थे। पुलिस ने चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। साथ ही अन्य की तलाश जारी है।
पुलिस की जांच में सामने आया कि यह एक संगठित गिरोह है जो सामाजिक एवं आर्थिक रुप से कमजोर वर्गो की महिलाओं एवं नाबालिक लडकियों को पैसे का लालच देकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराया जाता है। इस गैंग में शामिल अन्य लोगों की पुलिस तलाश कर रही है।