Black Tiger: 2018 में अलिया भट्ट की एक फिल्म आई थी ‘राजी’, उसके बाद 5 साल बाद यानी 2023 में फिल्म आई ‘मिशन मजनू’। दोनों की कहानी लगभग एक जैसी, जिसमें एक भारतीय एजेंट पाकिस्तान में जाकर प्यार मोहब्बत करता है और शादी करके घर बसा लेता है। साथ ही उसका सबसे पहला मिशन पाकिस्तान की सारी खुफिया जानकारियां इकठ्ठा कर हिंदुस्तान भेजना होता है। फिल्म राजी में हिन्दुस्तानी एजेंट का रोल अलिया भट्ट ने प्ले किया था, वहीं मिशन मजनू में इस रोल को सिद्धार्थ मल्होत्रा ने प्ले किया था। दोनों ही फिल्में दर्शकों को पसंद आई थीं।
ये दोनों कहानियां एक ही व्यक्ति को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं, ऐसे हिंदुस्तान के शेर का नाम है, ‘रविंद्र कौशिक’। जिन्हें दुनिया ब्लैक टाइगर के नाम से जानती है। ब्लैक टाइगर ने पाकिस्तान जाकर न सिर्फ जासूसी की, बल्कि पाकिस्तानी मेजर की बेटी से शादी भी की औ साथ ही उनकी फ़ौज में बड़े अफसर भी बन गए थे। हालांकि बाद में वे पकड़े गए, और पाकिस्तान के जेल में ही उनकी मौत हो गयी। पाकिस्तान में जिस लड़की से उन्होंने प्रेम किया, वह आज भी पाकिस्तान में रही रही है। उनका एक बेटा भी है। जिसके बारे में दुनिया को बहुत जानकारी नहीं है।
ब्लैक टाइगर के नाम से दुनिया भर में फेमस रॉ एजेंट का असली नाम रविंद्र कौशिक था। पाकिस्तान जाने से पहले ही उन्होंने अपना नाम बदलकर नबी अहमद शकीर रख लिया। उन्होंने इस्लाम की अंदरूनी जानकारियां इकठ्ठा करते हुए उर्दू और इस्लामी साहित्य की भी शिक्षा ली।
एक्टिंग से लगाव के कारण रॉ से जुड़ाव
राजस्थान में जन्मे रविन्द्र कौशिक को बचपन से ही एक्टिंग का बड़ा शौक था। उन्हें इस बात का ज़रा सा भी अंदाजा नहीं रहा होगा कि एक दिन उनकी यही एक्टिंग देश के काम आएगी। थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर काम करते हुए एक बार वे किसी रॉ एजेंट के नजर में आए। रविन्द्र को पूरी तरह से किरदार में ढलते देख उन्हें लगा कि एक दिन ये लड़का ज़रूर पाकिस्तान जाकर एक नये किरदार को जीयेगा। इस घटना के बाद 23 वर्ष की उम्र आते-आते रविंद्र रॉ के लिए काम करने लगे।
अपने नए नाम के साथ रविंद्र के पाकिस्तान पहुंचने पर किसी को कानोकान खबर नहीं हुई। भारत से उनके सारे रिकॉर्ड्स डिलीट कर दिए गए। पाकिस्तान जाकर रविंद्र ने नई ज़िन्दगी शुरू की। उन्होंने लाहौर यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया वहां से उन्होंने लॉ की पढ़ाई पूरी की।

पढ़ाई के बाद रविंद्र पाकिस्तानी फ़ौज में शामिल हो गए। इसी दौरान उन्हें पाकिस्तानी फ़ौज के एक बड़े अफसर की बेटी से प्यार हुआ। बाद में दोनों ने शादी कर ली। उनकी पत्नी का नाम अमानत था, जिससे दोनों को एक बेटा भी हुआ। पाकिस्तानी फ़ौज में काम करते हुए रविंद्र ने कई खुफियां जानकारियां भारत को भेजी।
कई सालों साथ रहने के बाद भी पत्नी को शक नहीं हुआ
पाकिस्तान में रविंद्र कौशिक की पत्नी और बच्चे के साथ पत्नी का पूरा परिवार था। सालों साथ रहने के बाद भी उनकी पत्नी को रविन्द्र के एजेंट होने की जानकारी नहीं हुई। उनका बेटा अरीब अहमद खान अब तक स्कूल जाने लगा था। लेकिन पाकिस्तान में मौजूद एक जूनियर एजेंट की गिरफ्तारी के बाद रविंद्र टूट गए। उन्होंने सब कुछ उगल दिया। रविन्द्र तब तक पाकिस्तानी सेना में मेजर के रैंक तक जा चुके थे। रविन्द्र का पाकिस्तानी सेना के आगे सब कुछ उगलना उनके देश सेवा के साथ उनके जीवन का भी अंत रहा।
1983 में हुआ सफ़र का अंत
राज खुलने के बाद वर्ष 1983 में रविंद्र कौशिक को गिरफ्तर कर लिया गया। जेल में उन्हें काफी प्रताड़ित भी किया गया। पाकिस्तानी सेना ने उन्हें प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रविंद्र कुल 18 वर्ष पाकिस्तानी जेल में कैद रहे। 2001 में पाकिस्तान के जेल में ही उनकी मौत हो गई।
पाकिस्तान में रविन्द्र कौशिक की पत्नी अमानत और बेटा अरीब अहमद खान आज भी रहते हैं। लेकिन वे किस जगह और किस हालात में हैं, इस बात की जानकारी किसी को भी नहीं।