42वें इंटरनेशनल ट्रेड फेयर जो कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया गया है उसमें बनारस रेल इंजन कारखाना (BLW) द्वारा बनाये गये रेल इंजन के मॉडल अपनी अलग ही अद्भुत छटा बिखेर रहे हैं। इन मॉडलों को देखने के लिए लोगों की भरी भीड़ नजर आ रही है और लोग इसकी खूब सराहना कर रहे हैं।
दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से शुरू हुए इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में रेलवे भी भागीदारी कर रहा है। हॉल नंबर-5 में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के मार्गदर्शन में बदलते भारत की अवसंरचना विषय वास्तु के साथ एक मंडप स्थापित किया है। इसमें बारेका द्वारा निर्यातित रेल इंजनों के मॉडलों की एक प्रदर्शनी लगाईं गई है जिसे लोग खासा पसंद कर रहे हैं। यह प्रदर्शनी 14 से 27 नवंबर तक रहेगी।
एकता से प्रेरणा लेते हुए वसुधैव कुटुंबकम-व्यापार के माध्यम से भारतीय रेलवे (BLW) ने इस मंडप में अपनी यात्रा को दर्शाया है। इसमें यह भी बताया गया है कि भारतीय रेलवे ने कैसे विश्व के अन्य देशों में लोको, कोच और डेमू ट्रेनों का निर्यात करके वैश्विक स्तर पर अपनी अलग और अनोखी छाप छोड़ी है।
BLW : 11 देश की ट्रेनों में बनारस के रेल इंजन
बनारस रेल इंजन कारखाना द्वारा निर्मित किए गए रेल इंजनों को यहां प्रदर्शित किया गया है। बरेका के जनसम्पर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि हमने अभी तक 11 देशों तंजानिया, वियतनाम, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, सूडान, म्यांमार, अंगोला, सेनेगल, माली, मोजांबिक में रेल इंजन निर्यात किया है।
उन सभी रेल इंजन मॉडलों (BLW) को एक विशेष बूथ पर आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया है, जो आगंतुकों विशेष कर बच्चों का अपनी ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। बता दें कि बरेका ने अब तक 172 रेल इंजनों का विभिन्न देशों में निर्यात किया है।
बनारस रेल इंजन कारखाने (BLW) में मार्च 2019 के बाद कोई भी डीजल लोकोमोटिव (रेल इंजन) नहीं बनाया गया। साल 1961 में बने डीजल इंजन कारखाने ने साल 1964 में पहला इंजन बनाकर तैयार किया था। उसके बाद मार्च 2019 तक डीजल लोकोमोटिव बना पर उसके बाद उसपर रोक लगाते हुए सिर्फ इल्केट्रिक इंजन पर कार्य हो रहा है।