UP Security: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने प्रदेश में होने वाले धार्मिक आयोजनों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों, पुलिस कमिश्नर, जोन और रेंज अधिकारियों को आदेश जारी कर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर जोर दिया है। डीजीपी ने कहा कि कुछ अपराधी धार्मिक आयोजनों की आड़ में गिरफ्तारी से बचने का प्रयास करते हैं, इसलिए उन पर कड़ी नजर रखी जाए।
शामली मुठभेड़ का हवाला देते हुए निर्देश जारी
डीजीपी ने शामली में मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग के सदस्य अरशद के साथ हुई मुठभेड़ का जिक्र किया, जिसमें निरीक्षक सुनील कुमार शहीद हो गए थे। इस घटना की जांच में सामने आया कि अपराधी वारदात के बाद धार्मिक आयोजनों में शामिल होकर अपनी पहचान छिपाने और गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे थे। इसी आधार पर प्रदेश भर में सुरक्षा बढ़ाने और अपराधियों की धरपकड़ के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
UP Security: धार्मिक आयोजनों में शामिल होने वालों की होगी कड़ी जांच
डीजीपी के निर्देशानुसार धार्मिक आयोजनों में भाग लेने वालों का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा। आने-जाने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए उनके फोटो पहचान पत्र और आधार कार्ड की जांच अनिवार्य होगी। इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों को इन रजिस्टरों की नियमित रूप से समीक्षा करने और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीजीपी के निर्देश के अहम बिंदु:
- धार्मिक आयोजनों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
- खुफिया तंत्र और सोशल मीडिया सेल को सक्रिय किया जाएगा ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सके।
- वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को आयोजकों के साथ समन्वय बनाकर कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों का विवरण दर्ज करना होगा।
- आयोजकों को पुलिस और खुफिया एजेंसियों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
- आयोजनों में भाग लेने वाले व्यक्तियों का ब्योरा दर्ज करने के साथ ही उनके निवास स्थान का सत्यापन भी किया जाएगा।
अपराधियों की पहचान होगी आसान
डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्पष्ट किया कि अपराधियों को धार्मिक आयोजनों की आड़ में छिपने का मौका न मिले, इसके लिए यह कदम उठाया गया है। प्रदेश में विभिन्न धर्मों के आयोजन होते रहते हैं, जिनमें अन्य जिलों और राज्यों से भी लोग आते हैं। इस कारण सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए यह निर्देश बेहद अहम माना जा रहा है।