वाराणसी। आईपीएस अनिरुद्ध सिंह (IPS Aniruddh Singh) पर अब शासन ने कानून का शिकंजा कसने की ठान ली है। एक स्कूल संचालक से विडियो कॉल के जरिये 20 लाख रुपए रिश्वत मांगना अब उनपर भारी पड़ने वाला है।
शासन ने अब आईपीएस अनिरुद्ध सिंह पर बड़ी कार्रवाई करने का पूरा मन बना लिया है। डीजी के निर्देश पर हुई पुलिस की प्रारंभिक जांच में अनिरुद्ध सिंह को पुलिस ने दोषी पाया है। गृह विभाग ने अब उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया है। इसकी विभागीय जांच के लिए अधिकारी की भी नियुक्ति कर दी गयी है।
गौरतलब है कि वाराणसी में तैनाती के दौरान आईपीएस (IPS Aniruddh Singh) ने विडियो कॉल पर एक स्कूल संचालक से एक मामले को दबाने के लिए 20 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। स्कूल संचालक ने चालाकी दिखाते हुए अनिरुद्ध का विडियो रिकॉर्ड कर लिया। 12 मार्च 2023 को यह विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। प्रमुख सचिव गृह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी मुख्यालय को इसकी जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद डीजीपी ने इस मामले के जांच की कमान वाराणसी कमिश्नरेट के सुपुर्द की थी।

IPS Aniruddh Singh: पहले मिली थी क्लीन चीट
इस मामले की जांच एडीजी स्तर के दो अधिकारियों ने भी की थी। जिसमें उन्हें (IPS Aniruddh Singh) क्लीन चीट भी दिया गया था। अनिरुद्ध सिंह ने खुद को सही साबित करने के काफी प्रयास किए। जांच में यह भी तथ्य सामने आए हैं कि जब अनिरुद्ध को उनका वीडियो बनाए जाने के बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने अपने बचाव में यह कहा कि वह आरोपी को ट्रैप करने के लिए वीडियो कॉल कर रहे थे। पूर्व में उनके खिलाफ हुए जांचों में उन्होंने खुद को सही साबित करने के लिए इसका जिक्र भी किया। जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें क्लीन चीट दे दिया।
शासन ने जब इस बाबत अलग से जांच कराई, तो उनके (IPS Aniruddh Singh) खिलाफ काफी सबूत मिले। जो कि उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने हेतु पर्याप्त हैं। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि अनिरुद्ध सिंह प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गये हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। विभाग पूरी तरह से उनके खिलफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। अनिरुद्ध फिलहाल सीबीसीआईडी में तैनात हैं। विवाद होने के बाद शासन ने उनकी पत्नी को वाराणसी से हटाकर कानपुर में तैनात कर दिया था।