काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में महाप्रसादम् बनाने का कार्य अब अमूल कंपनी के हवाले किया जा रहा है। यह नया निर्णय तब लिया गया, जब पहले यह कार्य दो संस्थाओं द्वारा किया जा रहा था। मंदिर न्यास के इस फैसले के बाद, बेला पापड़ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के सामने रोजी-रोटी, कपड़ा, मकान और चिकित्सा की समस्याएं खड़ी हो गई हैं। अब ये महिलाएं अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी चिंतित हैं।
Kashi Vishwanath Temple: सैकड़ों महिलायें हुई बेघर और बेरोजगार
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति में कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि जिन महिलाओं के साथ काशी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तस्वीरें खिंचवाई थीं, उनका काम अब अमूल को सौंप दिया गया है। इससे सैकड़ों महिलाओं को बेघर और बेरोजगार होना पड़ा है।
चौबे ने बेला पापड़ सहायता समूह की सुनीता जायसवाल और उनके साथी कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। इसके बाद, उन्होंने इन मुद्दों को प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के सामने रखा। राघवेंद्र चौबे ने यह भी कहा कि “चंदा दो, धंधा लो” के इस फार्मूले को बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple) के दरबार के प्रसाद में लागू करना निंदनीय है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में असंवेदनशीलता की मिसाल बताते हुए इसे बर्दाश्त करने योग्य नहीं ठहराया।