महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के शुभारंभ के साथ ही प्रयागराज आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण प्रस्तुत किया जाएगा। इस आयोजन में, संगम नगरी की धार्मिक और सांस्कृतिक आभा के साथ-साथ, ज्ञानवापी मंदिर के मॉडल की विशेष प्रदर्शनी का आयोजन होगा। यह प्रदर्शनी 5 जनवरी से 15 फरवरी तक आयोजित की जाएगी, जिसमें मंदिर के ऐतिहासिक और वर्तमान स्वरूप को चित्रों और मॉडलों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।

ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित प्रदर्शनी
इस अनूठी प्रदर्शनी का आयोजन श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्त न्यास संस्था द्वारा किया जा रहा है। संस्था के ट्रस्टी डॉ. रामप्रसाद सिंह ने बताया कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी मंदिर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व से अवगत कराना है। प्रदर्शनी में 1669 में मंदिर की स्थिति, एएसआई सर्वे के परिणाम, और खुदाई से मिले साक्ष्यों को प्रस्तुत किया जाएगा।


इस प्रदर्शनी (Mahakumbh 2025) में ज्ञानवापी मंदिर में स्थित शिवलिंग, दीवारों पर उकेरे देवी-देवताओं के चित्र, और प्राचीन मंदिरों की भव्य नक्काशी को भी दिखाया जाएगा। साथ ही, श्रद्धालुओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिए पंपलेट्स भी वितरित किए जाएंगे।

Mahakumbh 2025: एक साल में तैयार हुआ मंदिर का मॉडल
प्रदर्शनी (Mahakumbh 2025) के केंद्र में लकड़ी से निर्मित ज्ञानवापी मंदिर का भव्य मॉडल होगा, जिसे बनाने में करीब 10 महीने का समय लगा। इसे काशी के पांडेपुर निवासी अमर अग्रवाल ने तैयार किया है। यह मॉडल मंदिर की पुरानी और वर्तमान संरचना को चित्रित करता है, जिसमें आठ मंडप और शिखर शामिल हैं। इन मंडपों में श्रृंगार मंडप, गणेश मंडप, ऐश्वर्य मंडप, भैरव मंडप, ज्ञान मंडप, तारकेश्वर और मुक्ति मंडप जैसे हिस्से शामिल हैं।

मंदिर मॉडल की ऊंचाई 128 फीट, लंबाई 125 फीट और चौड़ाई 125 फीट है। इसके साथ ही, तहखाने के रूप में 7 फीट गहरे बेसमेंट को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इस मॉडल को बनाने के लिए विभिन्न पुस्तकों और ऐतिहासिक वृत्तांतों का गहन अध्ययन किया गया है।
ऐतिहासिक भव्यता का पुनर्प्रत्यक्ष
प्रदर्शनी का उद्देश्य देशभर से आए श्रद्धालुओं को यह दिखाना है कि 355 साल पहले ज्ञानवापी मंदिर कितना भव्य और विस्तृत था। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं को मंदिर के इतिहास से जोड़ने का कार्य करेगा, बल्कि उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक जिज्ञासा को भी संतुष्ट करेगा।
महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) का यह पहलू संगम नगरी में श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय अनुभव प्रस्तुत करेगा। इस आयोजन के माध्यम से श्रद्धालु इतिहास, संस्कृति और धर्म की समृद्धि का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे।
Comments 1