Varanasi: वाराणसी गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 की हालत दिनों-दिन बदतर होती जा रही है।उमरहा स्वर्वेद महामंदिर से लेकर राजवाड़ी तक वाराणसी-गाजीपुर लेन की सड़क में दर्जनों जगह दरारें ही दरारे हैं,कार्यदाई संस्था द्वारा खानापूर्ति के लिए मरम्मत तो की जाती है परंतु कुछ दिनों में ही सड़क अपनी पुनः बदहाल स्तिथि में आने को देर नहीं लगाती है, जिससे वह मार्ग अब वाहन चालकों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है।

सामान्य रफ्तार पर भी कार व अन्य वाहन अन्यंत्रित होकर हादसे के शिकार हो जाते हैं,बावजूद इसके टोल टैक्स की वसूली में कोई कमी नहीं है,सड़क में दरार भरने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है, जबकि एक्सपर्ट मानते हैं कि एक लेन की पूरी सड़क डैमेज है।
24 घंटे में करीब 35 लाख से अधिक का टोल टैक्स वसूली
जिला मुख्यालय से करीब 26 किमी की दूरी पर स्थित कैथी का टोल प्लाजा से 24 घंटे में करीब 35 लाख से अधिक का टोल टैक्स की वसूली है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की इसकी फिक्र नही है वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर कैथी टोल (Varanasi) पर एक वाहन से 115-115 कुल 230 रुपये तक वसूले जा रहे हैं मगर सड़क की स्थिति इस वसूली के बिलकुल भी लायक नहीं है। वाहन चालकों का कहना है कि फोरलेन अब झटकेदार सड़क बन चुका है।

हाइवे सड़क की स्थिति बहुत खराब है। वाहन स्वामी टोल वसूलने वाले प्राधिकरण से शिकायत कर सकते हैं पर कोई सुनवाई नहीं होती है। जगह जगह सड़कों पर पड़े दरारों से कार में आरामदायक सफर नहीं रहता है। टोल वसूलने वाले प्राधिकरण ने सड़क की गुणवत्ता के संबंध में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई हैं।अवनीश पाठक निशु नरायनपुर
Varanasi:स्वर्वेद मंदिर से राजवाड़ी पुल तक पड़ी दरारें
असुरक्षित हाइवे के सड़कों पर भी टोल भरना एक आम समस्या है लेकिन वाहन स्वामी के पास शिकायत करने और सड़क की गुणवत्ता में सुधार की मांग करने का अधिकार है। टोल कंपनियां किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराती है।
गुणवत्ता विहीन हाइवे पर टोल मर रहे वाहन स्वामी
वाराणसी-गोरखपुर हाइवे (Varanasi) पर चारपहिया वाहन स्वामी कटे फटे खराब सड़कों पर भी टोल टैक्स भर रहे है। भले ही उन्हें उस सड़क पर यात्रा करने में कठिनाई हो रही हो। पर उन्हें हाइवे पर टोल पूरा भरना पड़ रहा है। राजवाड़ी में टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं। वाहन स्वामियों से वसूले गए टोल का उपयोग मुख्य रूप से सड़क के रखरखाव और निर्माण के लिए किया जाता है। चौबेपुर हाइवे के पास और डूबकिया के नजदीक की स्थिति खराब है फिर भी वाहन स्वामी को टोल देना पड़ता है। सड़कों के सीमेंटेड लेयर पर पड़े दरारें दोपहिया वाहनों को अनियंत्रित कर देती है।

हाइवे सड़कों के मरम्मत की जिम्मेदारी हाइवे एथॉरिटी को है। हम सिर्फ कलेक्शन एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। हाइवे के मेंटेनेंस विभाग की जिम्मेदारी है कि सड़कों का निरीक्षण कर उसे दुरुस्त कराएं।
वही कार्यदाई संस्था पीएनसी के कंस्ट्रक्शन मैनेजर ह्रदय नन्द यादव (एच एन यादव) ने बताया की हम डिपोटेशन पर बिहार से आये हैं,बरसात के वजह से संभवतः रोड क्षत्रिग्रस्तहैं। सम्बंधित लोगों को भेज कर उमरहा (Varanasi) से लेकर राज़वारी तक जहां-जहां सड़क क्षत्रिग्रस्त है,वहां वहां मरम्मत का कार्य करवा रहे हैं।