Varanasi: अदम्य साहस, अनुशासन और जोश के साथ 88 वर्षीय सी.ए. श्रीनारायण खेमका ने यह साबित कर दिया है कि जीवन में जुनून हो तो उम्र की कोई सीमा नहीं होती। चेन्नई में आयोजित 23वीं एशिया मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप (5 से 9 नवम्बर 2025) में श्री खेमका ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत और अपनी काशी का नाम रोशन किया।
24 देशों के 6000 से अधिक प्रतिभागियों के बीच आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में उन्होंने 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 400 मीटर दौड़ में रजत पदक और 200 मीटर दौड़ में कास्य पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया।
varanasi लौटने पर हुआ भव्य स्वागत
प्रतियोगिता से लौटने पर शनिवार की रात वाराणसी (Varanasi) के सी.ए. समाज, मारवाड़ी समाज और भारत विकास परिषद के सदस्यों ने श्री खेमका का गर्मजोशी से स्वागत किया। स्वागत समारोह में उनके परिवारजन — संजीव खेमका, मित्रगण ब्रह्मानंद पेशवानी, महेश मगलानी, कैलाश जी, कौशल शर्मा, प्रदीप चौरसिया, राकेश मिट्ठा, कमल गोयनका, संजीव शाह, मनीष शाह, राजेश अग्रवाल सहित शहर के कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे।

वहीं श्री नारायण खेमका ने अपनी इस सफलता का श्रेय प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय धावक नीलू मिश्रा को दिया, जिनके सहयोग और मार्गदर्शन से वे इस स्तर की प्रतियोगिता के लिए तैयार हो सके।
सी.ए. श्रीनारायण खेमका का यह प्रदर्शन सिर्फ खेल जगत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव और प्रेरणा का प्रतीक बन गया है। उन्होंने यह साबित किया कि दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

