- पानी निकासी नहीं होने से सड़े पानी से आती है दुर्गंध
- स्थानीय निवासी को हर साल सता रहा बीमारियों का डर
- नगर निगम शामिल होने के बाद भी विकास से उपेक्षित है ‘डाफी तालाब’
कामाख्या नारायण पाण्डेय
वाराणसी। नगर निगम सीमा में शामिल डाफी स्थित पोखरा गंदे पानी से लबालब भर गया है। पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से पानी सड़कर दुर्गंध फैलाता है। पोखरे के समीप रहने वाले लोगों की मानें तो इस पोखरे का नाम ईश्वरगंगी है। इसे विडंबना कहिए या लापरवाही लेकिन सच्चाई यही है कि इस पोखरे की सफाई कई सालों से नहीं हुई है। हर साल पोखरे में जलकुंभी जम जाता है और फिर सड़ने लगता है। जलकुंभी के सड़ने के कारण पानी गंदा हो जाता है जिसमें से बदबू आने लगती है इतना ही नहीं, गंदे पानी के वजह से मछलियां भी मरने लगती हैं और पानी में उतर आने लगती हैं।
पोखरे के कारण डेंगू ने बरपाया कहर
जलकुंभी सड़ने से आसपास के रहने वालों को खासा परेशानी हो रही है। पोखरे के दूषित पानी की वजह से स्थानीय निवासी को बीमारियां फैलने का डर हर साल सताता रहता है। इसी साल डेंगू ने अपना कहर बरपाया था। पोखरे के आस-पास गन्दगी और जलभराव के वजह से रहने वाले लोग भी डेंगू और मलेरिया के चपेट में आये थे।

नगर निगम में शामिल होने से लोगों को काफी आस
हर वर्ष लगातार बारिश से इस पोखरे में पानी भर जाता है और यहां किसी भी प्रकार से पानी निकलने का कोई साधन भी नहीं है। ज्यादा पानी होने के बाद पोखरे का यह गंदा पानी सब के नालियों के पाइप के द्वारा लोगों के घरों में प्रवेश कर जाता है। फिलहाल नए परिसीमन के बाद कई गांव अब नगर निगम में आ चुके है। जिसमें से सीरगोवर्धनपुर-डाफी भी अब नगर निगम में जुड़ चुका हैं। ऐसे में अब लोगों की आस है कि इस पोखरे के साथ-साथ डाफी में भी विकास कार्य हो जाए। वही जब यहां प्रधान का कार्यकाल होता है, तो भी यहां जितने भी प्रधान रहे, कभी किसी ने ग्राम समाज के पोखरे पर ध्यान नहीं दिया है। हालांकि यह क्षेत्र अब नगर निगम में आ चुका है। आसपास के लोग अब नगर निगम पर आस जुटाए बैठे हैं कि शायद अब इस पोखरे का सुंदरीकरण और घाट जैसा निर्माण होकर जीर्णोद्धार हो सके।
कब संज्ञान में लेंगे जिम्मेदार
पोखरा इस साल हुए बारिश की वजह से पूरी तरह से लबालब भर चुका है। जिसमें कुछ घर ऐसे हैं जो पानी के चपेट में आ गए हैं। कुछ घर तो पानी मे डूबे हुए। ऐसे कई घर हैं, जो कभी धराशाई हो सकते हैं। भवन स्वामियों को इस बात का खतरा सता रहा है। यदि नगर-निगम द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। देखना है कि जिम्मेदार कब इस पोखरे का संज्ञान लेकर इसके साफ-सफाई जल निकासी और जीर्णोद्धार दिशा में ठोस कदम उठाते हैं।