Ayodhya: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या में आयोजित एक विशेष धार्मिक कार्यक्रम में सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर उन्होंने भारत के इतिहास में धार्मिक स्थलों के विध्वंस और उनके नष्ट होने के कारणों पर भी सवाल उठाए। सीएम ने कहा कि जिन लोगों ने भारत के मंदिरों को तोड़ा, उनका वंश आज अस्तित्वहीन है।
कार्यक्रम की शुरुआत में सीएम योगी हनुमानगढ़ी गए, जहां उन्होंने हनुमान जी की पूजा की और फिर राम मंदिर में रामलला का आशीर्वाद लिया। इसके बाद, सीएम ने पंचनारायण महायज्ञ में भी आहुति दी और 20 मिनट तक सभा को संबोधित किया। उन्होंने धार्मिक आस्थाओं, सनातन धर्म की सुरक्षा और भारत की धार्मिक धरोहर की रक्षा के विषय में कई महत्वपूर्ण बातें कीं।
सनातन धर्म की रक्षा पर जोर
मुख्यमंत्री योगी ने सबसे पहले सनातन धर्म के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘अगर सनातन धर्म सुरक्षित है तो हर कोई सुरक्षित है। यह धर्म न केवल भारत का राष्ट्रीय धर्म है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए शांति का प्रतीक है।’ योगी ने कहा कि आज दुनिया में कोई ऐसा धर्म नहीं है, जो सभी के कल्याण की बात करता हो। उन्होंने सनातन धर्म को मानवता के लिए सर्वोत्तम मार्ग बताया, जिससे दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है।
योगी ने यह भी कहा कि भारत तब तक भारत है, जब तक सनातन धर्म सुरक्षित है। उन्होंने इस बात को बार-बार दोहराया कि केवल सनातन धर्म ही सभी धर्मों और जातियों के कल्याण की बात करता है और इसे संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है।
संभल में कल्कि अवतार की भूमि नष्ट करना साजिश का हिस्सा
सीएम योगी ने अपने संबोधन में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सनातन धर्म से जुड़े प्रतीकों के नष्ट होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे पवित्र धार्मिक स्थल जैसे विश्वनाथ मंदिर, रामजन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और संभल में कल्कि अवतार की भूमि को नष्ट किया गया। यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा था, जो इस धरती को नरक में बदलने का प्रयास कर रहे थे।’
योगी ने सवाल किया कि वे कौन लोग थे जिन्होंने इन पवित्र स्थलों को नष्ट किया और क्यों किया? उन्होंने कहा कि यह लोग अपने बर्बर कृत्यों के परिणामस्वरूप बर्बाद हो गए। सीएम ने यह भी कहा कि इन लोगों का कुल और वंश आज समाप्त हो चुका है और वे कभी भी समृद्ध नहीं हो सके।
Ayodhya: औरंगजेब के वंश की दुर्गति
मुख्यमंत्री योगी ने औरंगजेब का नाम लेते हुए कहा, ‘औरंगजेब ने हमारे मंदिरों को तोड़ा था, लेकिन आज उसका खानदान कोलकाता में रिक्शा चला रहा है।’ यह उनके लिए एक चेतावनी थी कि जो लोग भारतीय संस्कृति और धर्म को नुकसान पहुँचाने का प्रयास करते हैं, उनका अंत हमेशा बुरा होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास ने यह साबित किया है कि वे लोग जिनके हाथों भारत के मंदिर नष्ट हुए, उनका वंश कभी भी फल-फूल नहीं सका। इसके विपरीत, वह लोग जिनकी आस्था और विश्वास सनातन धर्म में था, वे हमेशा सम्मानित रहे और उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी।
राम मंदिर आंदोलन एक ऐतिहासिक क्षण
सीएम योगी ने राम मंदिर आंदोलन के महत्वपूर्ण क्षणों का जिक्र करते हुए कहा, ‘5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई थी और 22 जनवरी 2024 को 500 वर्षों के बाद रामलला अयोध्या में विराजमान हुए। उस दिन हर सनातनी की आँखों में श्रद्धा के आंसू थे।’ योगी ने कहा कि यह पल भारतीय संस्कृति और आस्था की पुनः प्रतिष्ठा का प्रतीक है और इसके लिए हर भारतीय गर्व महसूस करता है।
सनातन धर्म की मान्यता और प्रकृति
मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म की मान्यता को भी साझा किया और कहा कि सनातन धर्म मानता है कि नारायण और सूर्य की कृपा से ही संसार का संचालन होता है। उन्होंने कहा कि यह भूमि और पर्यावरण की शुद्धि के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया है। यज्ञ केवल धार्मिक कृत्य नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यज्ञ से ही वर्षा होती है, और वर्षा से किसानों और व्यापारियों को समृद्धि मिलती है।
योगी ने यह भी कहा कि हमें अपनी पवित्र धरती की रक्षा करनी चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भारत में जन्म लेना एक दुर्लभ अवसर है। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर आंदोलन में संतों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है, और उनके सहयोग से ही यह सपना पूरा हुआ है।
भारत की एकता और समृद्धि के लिए भारतीय हों एकजुट
सीएम योगी ने कहा कि भारत की एकता और समृद्धि के लिए सभी भारतीयों को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने पवित्र धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए तैयार रहना होगा, ताकि भविष्य में कोई भी विदेशी शक्ति भारत की धार्मिक धरोहर को नुकसान न पहुँचा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि डबल इंजन की सरकार ने संतों और समाज के सहयोग से भारत की विरासत को बचाया है। अब हमें इस विरासत और विकास के बीच संतुलन बनाए रखते हुए आगे बढ़ना है।
Highlights
स्वामी श्रीधराचार्य ने योगी को दिया आशीर्वाद
कार्यक्रम में स्वामी श्रीधराचार्य ने भी मुख्यमंत्री योगी की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘राम कृपा से योगी हमारे मुख्यमंत्री बने हैं। उनका नेतृत्व समाज और राष्ट्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आज अयोध्या में जिस तरह के रास्ते और मार्ग सुगम बनाए गए हैं, वह त्रेता युग की याद दिलाते हैं।’ स्वामी जी ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ का नेतृत्व समाज और राष्ट्र के लिए संजीवनी सिद्ध हो रहा है।