ज्यादा बिजली मिलने पर लोगों के पॉकिट पर पड़ेगा आर्थिक बोझ
यूपीपीसीएल प्रबंधन ने नगरीय शिड्यूल के अनुसार बिजली देने को जारी किया फरमान
पूर्वांचल-डिस्कॉम प्रबंधन ऐसे गांवों को शहरी शिड्यूल वाली बिजली देने की तैयारी में जुटा
जितेंद्र श्रीवास्तव
वाराणसी। नगर निगम सीमा में शामिल किये गये करीब 84 गांवों को अब अधिक समय तक बिजली मिलेगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. (यूपीपीसीएल) प्रबंधन ने फरमान जारी कर दिया है। इस आदेश के अनुसार, नगर निगम सीमा में शामिल किये गये गांवों को नगरीय शिड्यूल के अनुसार बिजली मिलेगी, जो ग्रामीण शिड्यूल से अधिक होगी। जाहिर सी बात है, शहरी शिड्यूल के मुताबिक बिजली मिलेगी तो टैरिफ भी बदल जाएगा और पॉकिट पर आर्थिक बोझ भी पड़ेगा।
विभागीय सूत्रों की मानें तो नगर निगम सीमा में शामिल किये गये गांव के निवासियों को अब शहरों-कस्बों की तरह ही ज्यादा बिजली देने का फरमान जारी हुआ है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने नगर निगम सीमा में शामिल किये गये ऐसे सभी गांवों में नगरीय सीमा के लिए पहले से तय शिड्यूल के अनुसार बिजली की आपूर्ति बढ़ाने का आदेश कर दिया है, जहां अवस्थापना सुविधाएं मौजूद हैं। अवस्थापना सुविधाएं होने के साथ ही सभी संबंधित क्षेत्र के निवासियों को भी ज्यादा बिजली मिलने लगेगी।
विभागीय सूत्रों की मानें तो नगरीय निकाय के तय शिड्यूल से करीब साढ़े तीन घंटे तक बिजली की आपूर्ति बढ़ने के साथ ही वहां के निवासियों को शहरी क्षेत्र के टैरिफ के अनुसार बिजली का बिल भी अदा करना होगा। बता दें कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में जहां अभी 18 घंटे बिजली आपूर्ति का शिड्यूल है। वहीं, नगर पंचायत व तहसील मुख्यालयों में 21.30 घंटे और जिला मुख्यालय सहित बड़े शहरों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। यूपीपीसीएल का आदेश मिलते ही पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. (पूर्वांचल-डिस्कॉम) प्रबंधन अपने अधीन जिलों में नगरीय निकायों में शामिल गांवों को शहरी शिड्यूल के अनुसार बिजली देने की तैयारी में जुट गया है।
शहरी टैरिफ के अनुसार करना होगा बिल का भुगतान
राज्य विद्युत नियामक आयोग की व्यवस्था के अनुसार, निकाय क्षेत्र में शामिल ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा बिजली आपूर्ति के साथ ही वहां के निवासियों को शहरी टैरिफ के अनुसार बिजली के बिल का भुगतान करना होगा। यहां यह बताना समाचीन होगा कि नगर निगम सीमा में शामिल किये गये गांवों को जब शहरी क्षेत्र के शिड्यूल के मुताबिक ज्यादा बिजली मिलेगी तो खर्च भी अधिक होगा। ऐसे में यूनिट भीअधिक बढ़ेगी और शहरी टैरिफ के अनुसार बिजली भी महंगी होगी तो अधिक बिल का भुगतान भी करना होगा। बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र की बिजली दर जहां 3.35 रुपये यूनिट से शुरू होकर 5.50 रुपये यूनिट तक है। जबकि शहरी क्षेत्र में 5.50 रुपये से 6.50 रुपये यूनिट बिजली की दर है।
बदली होगी फीडर व लाइन की व्यवस्था
नगर निगम सीमा में शामिल किये गये गांवों को वर्तमान में ग्रामीण शिड्यूल के अनुसार बिजली मिलती है। इसके लिए उन गांवों को जिन उपकेंद्रों और वहां से निकलने वाले फीडरों से बिजली दी जाती है, उस व्यवस्था को बदलना होगा। कहने का आशय यह कि शहरी शिड्यूल के तहत ऐसे गांवों को बिजली देने के लिए फीडर और लाइन की व्यवस्था जहां बदलनी होगी। वहीं, शहरी सीमा के जिन उपकेंद्रों और फीडरों से इन गांवों को जोड़ा जाएगा, वहां के लोड फैक्टर को ध्यान में रखकर उसका विस्तार करना होगा। विभाग के एक अभियंता ने बताया कि इस काम को मूर्तरूप देने में कुछ दिन लग सकता है।
नगर निगम सीमा का नए सिरे से हुआ है गठन
राज्य सरकार ने नगर निगम सीमा का नए सिरे से गठन किया है। इसमें करीब 84 गांव शामिल किये गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने नवसृजित निकाय और सीमा विस्तार वाले सभी क्षेत्रों में निकायों के लिए तय रोस्टर शिड्यूल के अनुसार तत्काल प्रभाव से बिजली आपूर्ति करने के आदेश बीते शनिवार को जारी किए हैं।
जिले के ये गांव हुए हैं शहरी
हिरामनपुर, संदहा, रुस्तमपुर, तिलमापुर, आशापुर, लेढ़ूपुर, रसूलपुर, रघुनाथपुर, दीनापुर, सलारपुर, खालिसपुर, कोटवां, सरायमोहाना, डोमरी, सूजाबाद, चुरामनपुर, ककरमत्ता, मड़ौली, जलालीपट्टी, पहाड़ी, गनेशपुर, कंचनपुर, भिखारीपुर कलां, भिखारीपुर खुर्द, चांदपुर, महेशपुर, शिवदासपुर, तुलसीपुर, मंडुआडीह, लहरतारा, फुलवरिया, बड़ागांव अव्वल, नाथूपुर, गणेशपुर, तरना, हटिया, छतरीपुर, चुप्पेपुर, होलापुर, परमानंदपुर, लोढ़ान, बांसदेवपुर, अहमदपुर, हरिहरपुर, सरसवां, कानूडीह, दांदूपुर, ऐढ़े, हरबल्लमपुर, बनवारीपुर, लमही, मड़वां, रसूलपुर, सोएपुर, रमदत्तपुर, गोइठहां, रजनहिया, हृदयपुर, हसनपुर, सिंहपुर, मुंगदरपुर, खजुही, फरीदपुर, बकसड़ा, खरगपुर, मझमिठिया, भगवानपुर, डाफी, छित्तूपुर, सुसुवाही, चितईपुर, अवलेशपुर, करौंदी, सीरगोवर्धनपुर, नासिरपुर, नुआंव, कंदवा, पोंगलपुर, नाथूपुर आदि।