CM Yogi: गर्मियों में जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन विभाग ने प्रदेशभर में अग्नि नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। वन मुख्यालय से लेकर प्रभागीय स्तर तक कुल 115 अग्नि नियंत्रण सेल बनाए गए हैं, जो 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। इसके अलावा, संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
हर प्रभागीय वन कार्यालय में बना अग्नि नियंत्रण कक्ष
वन विभाग ने प्रदेशभर में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रत्येक प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यालय में भी अग्नि नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। इन केंद्रों पर छोटी से छोटी आग की घटना पर भी नजर रखी जाएगी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
CM Yogi: 24 घंटे कार्य करेगा सेल
लखनऊ मुख्यालय में स्थापित अग्नि नियंत्रण सेल की निगरानी के लिए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रचार-प्रसार) पीपी सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह सेल 24 घंटे कार्य करेगा, जिसमें तीन शिफ्टों में कर्मचारियों CM Yogiकी तैनाती की गई है। किसी भी प्रकार की हीलाहवाली न हो, इसके लिए सभी घटनाओं को रजिस्टर में दर्ज कर समाधान की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाएगी।
आग से जुड़ी घटनाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
आमजन भी जंगलों में आग से संबंधित किसी भी घटना की जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए लखनऊ में हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं: 📞 0522-2977310, 9452162054, 9648982985, 9651368060, 9415394662, 7017112077 इसके अलावा, अन्य जिलों में भी स्थानीय हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे।
संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता
प्रदेश में 15 जून तक वन अग्निकाल घोषित CM Yogiकिया गया है। अतिसंवेदनशील व मध्य संवेदनशील जिलों—चित्रकूट, सोनभद्र, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट, बहराइच, महराजगंज, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, लखीमपुर, बलरामपुर, सहारनपुर, बिजनौर, गोंडा, गोरखपुर, मीरजापुर, चंदौली, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, वाराणसी व कैमूर वन्य जीव प्रभाग—में पहले ही फॉरेस्ट फायर मॉक ड्रिल की जा चुकी है। संवेदनशील जिलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति भी गठित की गई है।
जल स्रोतों की मरम्मत व वॉच टावरों की निगरानी
मुख्यमंत्री CM Yogiके निर्देश पर वन्य जीवों को गर्मी में पानी की कमी से बचाने के लिए जल स्रोतों की मरम्मत की जा रही है। पुराने वाटर होल को भरने और नए जलस्रोत बनाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही, जंगलों में वॉच टावर बनाए जा रहे हैं और पुराने टावरों की देखभाल सुनिश्चित की जा रही है।
वन विभाग स्थानीय ग्रामीणों को भी अग्नि रक्षक के रूप में तैनात कर वन अग्नि नियंत्रण में सहयोग ले रहा है। प्रशासन द्वारा की जा रही इन तैयारियों से जंगलों में आग की घटनाओं पर रोक लगाने की उम्मीद की जा रही है।