उत्तर प्रदेश एटीएस (UP ATS) ने मंगलवार की रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया, जो पिछले 15 वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में रह रहा था। आरोपी की पहचान होल मोंग सिंग मार्मा के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के बंदरवन जिले के नायककपारा रूमा का निवासी है।
फर्जी पहचान के सहारे जीवन बसा लिया था
आरोपी ने मोंग फ्रू मोग नाम से भारतीय पहचान पत्र जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाए थे। वह सारनाथ के बरईपुर क्षेत्र में एक किराये के मकान में रह रहा था। UP ATS की वाराणसी इकाई को उसके बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर उसे पकड़ा गया।
2010 में मिजोरम के रास्ते भारत में घुसा
पूछताछ में मोंग फ्रू मोग ने स्वीकार किया कि वह वर्ष 2010 में अवैध रूप से मिजोरम के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था। यहां एक ऐसे गिरोह की मदद से उसने फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाए, जो विदेशियों को अवैध रूप से भारत में बसाने का काम करता है। मिजोरम से वह असम और बिहार होते हुए वाराणसी पहुंचा और सारनाथ क्षेत्र में स्थायी रूप से बस गया।
सारनाथ में बौद्ध मंदिर से शुरू हुआ सफर
भारत आने के बाद उसने सारनाथ स्थित एक बौद्ध मंदिर में हेल्पर का काम शुरू किया और वहीं के पते पर अपना आधार कार्ड भी बनवा लिया। बाद में बेहतर आमदनी के लिए उसने मंदिर का काम छोड़ दिया और सारनाथ म्यूजियम के पास एक हैंडीक्राफ्ट की दुकान में काम करने लगा, जहां उसे 15,000 रुपये मासिक वेतन मिल रहा था।
UP ATS: म्यांमार की युवती से की शादी
UP ATS की पूछताछ में यह भी सामने आया कि वर्ष 2019 में सारनाथ आए म्यांमार के पर्यटकों के एक दल में शामिल एक युवती से उसकी दोस्ती हुई। इसके बाद वह म्यांमार गया और उसी वर्ष दोनों ने विवाह कर लिया।
इस मामले में एसीपी सारनाथ डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि एटीएस द्वारा गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी से गहन पूछताछ की जा रही है और उसे बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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