नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है। सूरत कोर्ट ने गुरुवार को ही उन्हें मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाई थी। लोकसभा सचिवालय के ओर से इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी गई।
बता दें कि मानहानि केस में सूरत की अदालत ने गुरुवार को राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी पर 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी का आरोप लगा था। इस सम्बन्ध में गुजरात के सूरत की पश्चिम विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत के एक कोर्ट में केस किया था। इस केस की 4 वर्षों से सुनवाई चल रही थी। गुरुवार को सूरत की कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जिसमें राहुल गांधी को 2 वर्ष की सजा और 15 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया था। हालांकि इस फैसले के कुछ ही देर बाद कोर्ट ने राहुल को जमानत दे दिया। साथ ही 30 दिनों तक राहुल की सजा पर रोक लगा दी है।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद से कांग्रेस नेताओं में आक्रोश है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस के शीर्ष नेता इस मामले में राष्ट्रपति से मुलाकात कर सकते हैं।
लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
लोकसभा सचिवालय के ओर से इस संबंध में में सात पंक्तियों की एक अधिसूचना जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है।

यह अधिसूचना लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह के नाम से जारी हुई है। इसकी एक-एक प्रति राहुल गांधी, राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, चुनाव आयोग, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग, केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, लायसन अधिकारी, संपदा निदेशालय, संसद भवन एनेक्सी, एनडीएमसी सचिव, दूरसंचार लायसन अधिकारी और लोकसभा सचिवालय के सभी अफसरों और शाखाओं को भेजी गई है।
कानून
जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक किसी भी सांसद या विधायक को अगर किसी मामले में दो या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही वह छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाते हैं। ऐसे में अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे, जो कि उनके लिए बड़ा झटका होगा।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के समय कर्णाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसे लेकर सूरत के पश्चिमी विधानसभा सीट से विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समाज का अपमान किया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च (गुरुवार) का दिन तय किया था। राहुल अब तक इस मामले की सुनवाई के दौरान तीन बार अदालत में पेश हुए। अक्टूबर 2021 में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे राहुल गांधी ने खुद को निर्दोष बताया था। इस मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई है।